आज हम आपके समक्ष शेयर करते है कुछ शिक्षा पर कविताएँ, जिससे आप इनसे कोई सीख ले सकें और अपने जीवन सुधार हेतु, इनसे प्रेरणा ले सकें। हमने इन कविताओं को बहुत ही सरल भाषा उपयोग कर प्रस्तुत की है, ख़ासकर हमारे विद्यार्थियों व अन्य पाठकों के लिए, जिससे की हमारे विद्यार्थी गण इनको आसानी से समझ सकें।
शिक्षा पर कविताएँ | Poem on Education in Hindi
Poem on Education in Hindi |
Poem on Education in Hindi
आओं एक शिक्षित समाज बनाएं
आओं एक-जुटकर होकर सब,
एक शिक्षित समाज बनाएं,
संकुचित विचारों वाली मानसिकता को,
सबके मन से मिटायें।
धर्म-जाति का मेल मिटे सब,
बस मानव धर्म हो सर्वपरि,
जिससे हो सके समाज में,
एक नई चेतना और जागृति।
शिक्षित कर विचारों को सबके,
मनुष्यता का पाठ पढ़ाकर,
आओ सब मिलकर फिर से,
अपना कर्तव्य निभाएं।
ऐसे करे जागरूक सबको,
जिससे समाज में हो परिवर्तन,
शुद्ध, सुदृढ़ मानसिकता के संग,
एक नए विश्व का पर्दापण।
एक नए स्वप्न को पूरा करने,
एक नया जागरण लाने को,
आओं एक संकल्प उठाकर,
आगे कदम बढ़ाए।
- Nidhi Agarwal
शिक्षा पर कविताएँ | Shiksha Par Kavita
शिक्षा जरूरी है!
शिक्षा जरूरी है, संस्कारों की,
संस्कृति की रक्षा के लिए।
शिक्षा जरूरी है, कर्मों की,
कर्तव्यों के निर्वाहन के लिए।
शिक्षा जरूरी है नियमों की,
अधिकारों को प्राप्त करने के लिए।
शिक्षा जरूरी है प्रकृति की,
संसाधनों के उचित दोहन के लिए।
शिक्षा जरूरी है इतिहास की,
एक नए विकास के लिए।
शिक्षा जरूरी है समाज की,
सामाजिक बनने के लिए।
शिक्षा जरूरी है व्यवहार की,
व्यवहारिक बनने के लिए।
शिक्षा जरूरी है आध्यात्म की,
स्वयं के अस्तित्व को जानने के लिए।
शिक्षा जरूरी है मनावता की,
एक मनुष्य बनने के लिए।
- निधि अग्रवाल
Education Par Kavita
सच्ची शिक्षा
सच्ची शिक्षा वो नही,
जो हमें धन-दौलत दिलवाएं,
सच्ची शिक्षा तो वो है,
जो समाज में हमारा मान बढाए।
सच्ची शिक्षा वो नही,
जो हमारी बाह्य सुंदरता से हमारा परिचय करवाए,
शिक्षा तो वो है,
जो हमारे आंतरिक व्यवहार में निखार लाएं।
सच्ची शिक्षा वो नही,
जो असत्य का जाल बिछाएँ,
सच्ची शिक्षा तो वो है,
जो सत्य का मार्ग दिखाए।
सच्ची शिक्षा वो नही,
जो नफरत के बीज फैलाएं,
सच्ची शिक्षा तो वो है,
जो हृदय में प्रेम के फूल खिलाएँ।
सच्ची शिक्षा वो नही,
जो सिर्फ मैं की भावना को जगाए,
सच्ची शिक्षा तो वो है,
जो मनावता का धर्म सिखाएँ।
- Nidhi Agarwal
अब ये प्रश्न उठता है कि ऐसी शिक्षा हम कहाँ से पाए क्योंकि और सभी चीजों का ज्ञान तो हमें पुस्तकों और ग्रंथों में मिल जाता है, लेकिन ऐसा कोई ग्रंथ नही है जो हमें व्यवहारिक शिक्षा का ज्ञान दे। ये शिक्षा तो हमें केवल अनुभवों से मिल सकती है, जो हम अपनी प्रतिदिन जीवन शैली से लेते है। इसलिए प्रिय पाठकों आपसे निवेदन है कि अगर आपको अपने जीवन में सच्ची शिक्षा का आनंद लेना है तो अपनी मायावी दुनिया से बाहर निकलकर थोड़ा सामाजिक बनिए, प्रकृति के समक्ष जाइए, जिससे संभव ही आप जीवन में सच्ची शिक्षा के ज्ञान का आनंद उठा पाएंगे।
हमें आशा है कि आप सभी को यह Poem on Education in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। अगर अच्छी लगी हो तो इन्हें अपने मित्रों व अन्य परिवार जनों के साथ सोशल मीडिया बटन्स के जरिये साझा अवश्य करें। आप अपने सुझाव व विचार भी हमसे साझा कर सकते है, नीचे उपस्थित कमेंट बॉक्स के जरिये।
- Somil Agarwal
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