इंसान या मानव, ईश्वर की एक ख़ूबसूरत रचना है और इंसानियत उसकी ख़ूबी। हम इंसान एक सिक्के के दो पहलू के समान होते है, जो उसकी विशेषता को दर्शाता है। एक पहलू वो जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे को दर्द में देखकर दुःखी हो जाता है और दूसरा पहलू वो जब कोई व्यक्ति दूसरे को सुखी देखकर खुश हो जाता है।
लेकिन वर्तमान का इंसान बहुत ही जटिल बनता जा रहा है, उसकी विशेषता को बताना बहुत ही मुश्किल हो गया है। वह सिर्फ अपने हित में कार्य करता है और अपने हित में सोचता है। यह कुछ चुनिंदा इंसान आपके आस-पास मौज़ूद हमेशा रहते है। आज हम इंसान की विशेषता दर्शाते हुए कुछ इंसान पर कविताएँ आपके समक्ष साझा करते है।
इंसान पर कविताएँ | Poem on Human Beings in Hindi
Poem on Human Beings in Hindi |
Poem on Human Beings in Hindi
कुछ कर्म किये होंगे इंसान तुमनें
कुछ कर्म किये होंगे इंसान तुमनें,
जो इस मनुष्य जीवन को पाया है,
तुम ईश्वर की सुंदरतम कृति,
असीम संभावनाओं से ओत-प्रोत,
जिसमें सम्पूर्ण विश्व समाया है।
कुछ कर्म किये होंगे इंसान तुमने,
जो इस मनुष्य जीवन को पाया है।
कर में तेरे रचनात्मक शक्ति,
मस्तिष्क में विचारों का पारावार,
हृदय में बसती अमूल्य निधि,
जिससे है संचित भावों का संसार,
और जीवन-आह्राद समाया है।
कुछ कर्म किये होंगे इंसान तुमने
जो इस मनुष्य जीवन को पाया है ।
पाँच इंद्रियों के गौरव का,
तुमको है उपहार मिला,
कर सको सकल विश्व का दर्शन स्वयं में,
दुर्लभ जीवन, ये प्राण मिला,
तुममें ही मानव जीवन का आधार समाया है।
कुछ कर्म किये होंगे इंसान तुमने,
जो इस मनुष्य जीवन को पाया है।
तुम अतुल्य प्रतिभा के धनी,
तुम युग परिवर्तक, तुम युग नायक,
हे मानव ! तुम हो सर्वोत्तम,
स्वर्णीम भविष्य के नभ के, तुम ही तो हो मंडित अर्क।
लक्ष्य भेदना सफलता का, तुमको ही तो आया है।
कुछ कर्म किये होंगे मानव तुमने
जो इस नर तन को पाया है ।
- निधि अग्रवाल
इंसान पर कविताएँ
मानव जीवन का व्रत
क्यों गर्व करो तुम मानव इस तन पर,
जो है नश्वर, ज्यों पानी का बुलबुला,
आज बना कल बिगड़ चलेगा,
चलता रहेगा यूँ ही जीवन का सिलसिला।
मानव जन्म है बेशकीमती,
जिसका नही कोई मोल,
छोड़ मोह माया इस जग की तू अब,
ले बस कर्मों की गठरी खोल।
सद्कर्मों का जीवन अर्पण कर,
भूत-भविष्य की तू चिंता छोड़,
चल निकलेगी जीवन की गाड़ी ऐ मानव,
इसे तू बस सही दिशा में मोड़।
गर्व अगर करना ही है तो,
संस्कारों की दौलत पर कर,
जो है सच्चे जीवन के आभूषण,
इनसे ही मिलते है सच्ची सफलता के शिखर।
मानव है तू ऐ मानव,
बस मानव ही बन,
अपना गुण मानवता के,
हो जाए जिससे पावन मन।
त्याग, धर्म और प्रेम को ऐ मानव,
तू जीवन का ध्येय बना,
होगा तभी पूर्ण मानव जीवन का व्रत,
जिसके लिए है तू बना।
- Nidhi Agarwal
दोस्तों, ये हमारा मानव जीवन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। ये हमें ईश्वर से मिला एक वरदान है। वैसे तो जीवन पशुओं का भी होता है, लेकिन एक पशु और मानव जीवन में बहुत अंतर है। क्योंकि मनुष्य अपनी मस्तिष्क के सोच के कारण ही उच्च कहलाता है। तो दोस्तों जो हमें ये जो अमूल्य मानवजीवन मिला है उसका सदुपयोग करना चाहिए और इसे चरितार्थ करना चाहिए। हमें आशा है कि आप सभी को यह Poem on Human Beings in Hindi अवश्य पसंद आयी होगी। हम अपनी कविताओं के माध्यम से आपको मानवजीवन के महत्त्व से आपको अवगत कराना चाहते है और उसकी विशेषता बताना चाहते है।
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