हमारी पृथ्वी पर मौजूद अनंत श्रोतों में सबसे महत्तपूर्ण श्रोत 'जल' है और इस पृथ्वी पर जीवन का कारण भी है। हमारे जीवन के सभी कार्यों को निष्पादित करने के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है जैसे खाना बनाने में, साफ-सफाई में, फ़सल पैदा करने में, व सबसे महत्वपूर्ण पीने हेतु। प्रकृति के द्वारा मानवता के लिए जल एक अनमोल उपहार है और हमें इसी अनमोल उपहार को बचाके के रखना, हमारे लिए पहला कर्त्तव्य बनता है। लेकिन आज हम जल जैसे अनमोल श्रोत को हद से ज़्यादा उपयोग कर, इसके अस्तित्व पर खतरा बढ़ाते जा रहे है। भारत और अन्य देशों के बहुत सारे छेत्रों में पानी की कमी से लोग जूझ रहे है। आज हम आपसे साझा करेंगे कुछ जल संरक्षण पर कविताएँ, जिससे कि बड़े-बूढ़े और ख़ास कर छोटे बच्चे व नौजवान इनसे कुछ सीख ले सकें, ओर प्रकृति के अनमोल उपहार को संरक्षित कर सके।
जल ही जीवन है
जल ही जीवन है धरती पर,
जल से ही सब है संभव।
जल से ही है सबका पोषण,
बिन जल जीवन हो जाता असंभव।
जरूरी है इसका संरक्षण,
और इस अमृत जल का सौष्ठव।
कर दूषित अमृत से जल को ऐ मानव,
न कहलाओ तुम दानव।
चेतो, कुछ करो, यूँ मौन न रहो,
बनों न ऐ मानव नीरव तुम।
अगर चाहते हो धरा पर जीवन,
हरियाली और नव सुंदर पल्लव।
तो दो इसको फिर से नव जीवन,
और नव गौरव और नव कलरव।
जल जीवन का आधार
जल है जीवन का आधार,
जिस पर आश्रित है समस्त संसार।
करने को इसका संरक्षण,
आओं मिलकर हम सब करें विचार।
न होता जल तो,
कैसे होता सागर मंथन ?
पतित पावनी गंगा का बिन जल,
कैसे फिर करते सब वंदन।
न होता जल तो,
कैसे ये वारिद जल बरसाते ?
स्वाति नक्षत्र में आके फिर कैसे,
प्यासे खग की वे तपन बुझाते।
न होता जल तो,
कैसे होती नदियाँ, झरनें, पोखर और ये सागर?
बिन जल खाली रह जाती फिर,
कृष्णा की गोपियों की गागर।
न होता जल तो,
कैसे ये प्रकृति होती पोषित ?
बिन जल न होती हरियाली,
रह जाती धरा फिर बंजर और कुपोषित।
जल है जीवन का आधार,
जिस पर आश्रित है समस्त संसार।
करने को इसका संरक्षण,
आओं मिलकर हम सब करें विचार।
जल की बर्बादी
अगर यूँ ही होती रही,
जल की बर्बादी,
तो एक दिन धरा से,
खत्म हो जाएगी सारी आबादी।
न रहेगा फिर हम सबका अस्तित्व,
और विलुप्त हो जाएगी सारी प्रजाति।
इसलिए चेतो, यूँ मौन न रहो मानव,
आने वाले कल के लिए सोचो,
और नया कुछ करो उद्भव।
देने भविष्य को जीवन का आधार,
करो ऐ मानव अपनी,
आवश्यकताओं पर तुम नियंत्रण।
हो सके धरा पर जल का जिससे,
संरक्षण और परिरक्षण।
जल हूँ मैं
जल हूँ मैं,
जीवन का कल भी हूँ मैं।
मेरी एक-एक बूँद है अनमोल,
मेरे बिन नही किसी का मोल।
फिर भी मेरी कीमत से है सब अनजान,
कर रहे है प्रदूषित सब मुझको,
नही कोई करता मेरा ध्यान।
अगर यूँ होता रहा मेरा नुकसान,
तो एक दिन धरा से मिट जाएगी मेरी पहचान।
होता रहा इसी तरह से जो मैं मलीन,
हो जाएगा धरा से सब कुछ विलीन।
अभी जो जल हूँ मैं,
फिर मैं बीता हुआ कल बन जाऊँगा।
न होगा कोई मेरा भविष्य,
और मैं अतीत में कहीं खो जाऊँगा।
बन जाएगी फिर मेरी सिर्फ एक कहानी,
एक थी धरा और एक था पानी।
दोनों हो गए विलुप्त एक दिन,
देकर अपने अस्तित्व की कुर्बानी।
जल से सीख
जल से निर्मल बन जाए हम,
स्वयं के अस्तित्व को खोकर,
दूजो के रंगों से मिलकर,
उनके रंग में ढल जाए हम।
कभी प्यासे की प्यास बुझाएँ,
कभी अग्नि की तपन मिटाएँ,
कभी बादलों संग मिलकर,
स्वाति नक्षत्र की बौछार बन जाएं।
कभी प्रेम के अश्रु बने हम,
और कभी सीपी के मोती बन जाए,
प्रेम की सुंदर माला में गुंथकर,
हृदय की शोभा बन जाएं।
मन को हर्षाए, मन को लुभाए हम,
और जीवन की प्रसन्नता बन जाएं ।
जल संरक्षण पर कविताएँ | Poem on Water in Hindi
Poem on Water in Hindi |
Poem on Water in Hindi
जल ही जीवन है
जल ही जीवन है धरती पर,
जल से ही सब है संभव।
जल से ही है सबका पोषण,
बिन जल जीवन हो जाता असंभव।
जरूरी है इसका संरक्षण,
और इस अमृत जल का सौष्ठव।
कर दूषित अमृत से जल को ऐ मानव,
न कहलाओ तुम दानव।
चेतो, कुछ करो, यूँ मौन न रहो,
बनों न ऐ मानव नीरव तुम।
अगर चाहते हो धरा पर जीवन,
हरियाली और नव सुंदर पल्लव।
तो दो इसको फिर से नव जीवन,
और नव गौरव और नव कलरव।
- निधि अग्रवाल
आज के समय में जल संकट बढ़ता ही जा रहा है जबकि पूरी पृथ्वी का तीन-चौथाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ है। यह पानी ज्यादातर सागर व महासागरों में है, परन्तु हमारे पीने उपयोग पानी बहुत कम है और इसे ही हमें संरक्षित करना है। हमारे देश भारत की ही बात करें, पर्याप्त जल छेत्रों में अपने दैनिक जरूरतों से ज़्यादा पानी लोग बर्बाद कर रहे है। हम सभी को जल के महत्व को समझना चाहिए, इसे बर्बाद न कर, इसे संरक्षित करना चाहिए। जल संरक्षण की भावना लिए हम आपके समक्ष शेयर करते है कविता जल जीवन का आधार हमारी Hindi Poems on Water के संग्रह से।
Hindi Poem on Water | जल संरक्षण पर कविता
जल जीवन का आधार
जल है जीवन का आधार,
जिस पर आश्रित है समस्त संसार।
करने को इसका संरक्षण,
आओं मिलकर हम सब करें विचार।
न होता जल तो,
कैसे होता सागर मंथन ?
पतित पावनी गंगा का बिन जल,
कैसे फिर करते सब वंदन।
न होता जल तो,
कैसे ये वारिद जल बरसाते ?
स्वाति नक्षत्र में आके फिर कैसे,
प्यासे खग की वे तपन बुझाते।
न होता जल तो,
कैसे होती नदियाँ, झरनें, पोखर और ये सागर?
बिन जल खाली रह जाती फिर,
कृष्णा की गोपियों की गागर।
न होता जल तो,
कैसे ये प्रकृति होती पोषित ?
बिन जल न होती हरियाली,
रह जाती धरा फिर बंजर और कुपोषित।
जल है जीवन का आधार,
जिस पर आश्रित है समस्त संसार।
करने को इसका संरक्षण,
आओं मिलकर हम सब करें विचार।
- निधि अग्रवाल
आज मानव द्वारा जल के लिए आवश्यकताओं पर नियंत्रण न होने के कारण, भविष्य संकट में पड़ता जा रहा है अगर हम जल्दी नहीं चेते तो कहीं बहुत देर न हो जाए। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिए। हमें अपनी पीढ़ी को जल की उचित आपूर्ति के लिए, आज ही से जल की बचत करना शुरू कर देना चाहिए। हम भी अपनी जल पर कविताओं के माध्यम से लोगों के बीच जल को संरक्षित करने का बढ़ावा दे रहें है ताकि वे लोग जो जल बर्बाद करते है ज़रा चेत जाए।
Short Poem on Water in Hindi
जल की बर्बादी
अगर यूँ ही होती रही,
जल की बर्बादी,
तो एक दिन धरा से,
खत्म हो जाएगी सारी आबादी।
न रहेगा फिर हम सबका अस्तित्व,
और विलुप्त हो जाएगी सारी प्रजाति।
इसलिए चेतो, यूँ मौन न रहो मानव,
आने वाले कल के लिए सोचो,
और नया कुछ करो उद्भव।
देने भविष्य को जीवन का आधार,
करो ऐ मानव अपनी,
आवश्यकताओं पर तुम नियंत्रण।
हो सके धरा पर जल का जिससे,
संरक्षण और परिरक्षण।
- निधि अग्रवाल
आज भी देश-दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जो शिक्षित होने के बावज़ूद भी अशिक्षित है, जिनको पता नहीं या पता करना नहीं चाहते कि जल की बर्बादी व अत्यंत उपयोग से क्या होगा ? ये लोग ही स्वच्छ जल की बर्बादी व अत्यंत उपयोग के ज़िम्मेवार है। स्वच्छ जल जो कि जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण तत्व है, इसलिए हम सबका पहला कर्तव्य बनता है कि इसको संरक्षित करें और अनावश्यक उपयोग न करें। अगर हम आज जल को संरक्षित करेंगे तबही हमारा कल संरक्षित हो पाएगा क्योंकि "जल कल है"। हम पानी पर कविता के माध्यम से अशिक्षित लोगों को सीख देते हुए, कुछ पंक्तियाँ आपसे शेयर करते है।
Poem on Save Water in Hindi
जल हूँ मैं
जल हूँ मैं,
जीवन का कल भी हूँ मैं।
मेरी एक-एक बूँद है अनमोल,
मेरे बिन नही किसी का मोल।
फिर भी मेरी कीमत से है सब अनजान,
कर रहे है प्रदूषित सब मुझको,
नही कोई करता मेरा ध्यान।
अगर यूँ होता रहा मेरा नुकसान,
तो एक दिन धरा से मिट जाएगी मेरी पहचान।
होता रहा इसी तरह से जो मैं मलीन,
हो जाएगा धरा से सब कुछ विलीन।
अभी जो जल हूँ मैं,
फिर मैं बीता हुआ कल बन जाऊँगा।
न होगा कोई मेरा भविष्य,
और मैं अतीत में कहीं खो जाऊँगा।
बन जाएगी फिर मेरी सिर्फ एक कहानी,
एक थी धरा और एक था पानी।
दोनों हो गए विलुप्त एक दिन,
देकर अपने अस्तित्व की कुर्बानी।
- निधि अग्रवाल
हमारे देश भारत में सरकार व गैर सरकारी संगठन द्वारा जल बचाओ हेतु ढेरों कार्यक्रम चलाय जा रहे है, जिससे कि आम लोगों तक जल संरक्षित जैसी भावना आसानी तक पहुँच सके। सरकार द्वारा लोगों को टेलीविज़न, रेडियो तथा आज कल मोबाइल के माध्यम से ढेरों विज्ञापन भी दिखाए जा रहें है। उनका यह जल बचाओ से सम्बन्धित जागरूकता का प्रयास अतुलनीय है। बस हमें ही अपने अंदर Save Water Save Life जैसी भावना को संजोना है। एक प्रयास हम अपनी जल संरक्षण पर कविताओं के जरिये अपने पाठकों के लिए कर रहे है। ताकि जब बच्चे व नौजवान हमारी कविताएँ पढ़े तो उनको कुछ सीख मिल सके और हमारा यह जागरूकता का छोटा सा प्रयास सफल हो सके। एक कविता जल से सीख आपसे शेयर करते है।
Paani Par Kavita | Hindi Poem on Water
जल से सीख
जल से निर्मल बन जाए हम,
स्वयं के अस्तित्व को खोकर,
दूजो के रंगों से मिलकर,
उनके रंग में ढल जाए हम।
कभी प्यासे की प्यास बुझाएँ,
कभी अग्नि की तपन मिटाएँ,
कभी बादलों संग मिलकर,
स्वाति नक्षत्र की बौछार बन जाएं।
कभी प्रेम के अश्रु बने हम,
और कभी सीपी के मोती बन जाए,
प्रेम की सुंदर माला में गुंथकर,
हृदय की शोभा बन जाएं।
मन को हर्षाए, मन को लुभाए हम,
और जीवन की प्रसन्नता बन जाएं ।
- निधि अग्रवाल
भारत व विश्व के अन्य देशों में स्वच्छ जल का अभाव एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इस बड़ी समस्या को अकेले या कुछ समूह के लोग मिलकर नहीं सुलझा सकते है, यह एक ऐसी समस्या है जिसको वैश्विक स्तर पर लोगों के सहयोग से प्रयास करने की जरूरत है, तबही कुछ संभव हो सकेगा। हमारे द्वारा प्रकाशित की गई कविताएँ व अन्य लेख विद्यार्थियों और बच्चों के लिए बेहद अनमोल है। इनका उपयोग बच्चे व विद्यार्थी विभिन्न अवसरों पर अपनी जरूरत अनुसार कर सकते है। आपको यह कविताएँ Poem on Water in Hindi कैसी लगी हमें जरूर बताइये, आप अपने सुझाव, हमें कमेंट करके व्यक्त कर सकते है।
EDITED BY- सोमिल अग्रवाल
Well Written.
ReplyDeleteGood Job...
ReplyDeleteit helped me a lot
ReplyDeleteThis was lovely thanks for sharing
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