Sunday 11 August 2019

बच्चों के लिए कविताएँ | Poem for Kids in Hindi

बड़े प्यारे होते है बच्चे, ईश्वर का वरदान होते है बच्चे। किसे पसंद नही होते, बच्चे। बच्चे न सिर्फ हमारा बल्कि हमारे देश का भी भविष्य होते है। उनकी कुशलता और बौद्धिकता पर ही देश, कल को निर्भर करेगा। बच्चे ही कल के युवा बनेंगे और हमारा देश आगे बढ़ाएंगे। यह कल के होने वाले वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, अधिकारी व अन्य पदों पर अपनी शोभा बढ़ाएंगे। इसलिए हमें इनकी परवरिश में कोई कमी नही रखनी चाहिए, हमें इनकी दिनचर्या, खान-पान के साथ-साथ इनकी शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। इनकी शिक्षा से ही इनका भविष्य उज्जवल होगा और जिससे ये कामियाबी हासिल करेंगे।

हम आपके समक्ष प्रस्तुत करते है बच्चों के लिए कविताओं का उत्तम संकलन एवं बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कविताएँ, जिसे हमारे प्यारे बच्चे प्रफुल्लित होकर पढ़ेंगे और उन्हें इनसे कुछ सीखने का अवसर भी मिलेगा। अक्सर क्लास नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों को उनके स्कूल में कविताएँ पढ़ाई जाती है, फिर उन्हें घर से कविताएँ लिखने को भी कहा जाता है। उनकी सहायता के लिए हम लेकर उपस्थित हुए है Poem for Kids in Hindi जिनसे उन्हें बहुत लाभ होगा और हमारी कविताओं के जरिये बच्चों की क्लास टीचर्स उनकी तारीफ़ करेंगी।

बच्चों के लिए कविताएँ | Poem for Kids in Hindi


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Poem for Kids in Hindi

Poem for Kids in Hindi


हाथी दादा

हाथी दादा सूँड उठा के चले,
घूमने मेला।
मेले में दादा को दिख गया,
केले का एक ढेला।

इतने सारे केलों को देखकर,
उनके मुँह में भर गया पानी।
झट जल्दी से सूँड उठाकर दादा ने,
केलों को पाने की ठानी।

केलें खाकर दादा ने फिर,
अपनी भूख मिटाई।
लेकर डकार फिर दादा ने,
अपनी तोंद सहलाई।

जैसे आगे बढ़ने को दादा ने,
कदम उठाया।
पैर के नीचे उनके फिर,
केले का छिलका आया।

मोटे-तगड़े दादा जी,
तनिक संभल न पाए।
गिर गए धड़ाम से वो,
हाय राम! चिल्लाए।

अकल ठिकाने आयी उनकी,
गलती समझ में आई।
फिर उन्होंने सबको,
एक बात समझाई।

केला खाकर छिलका तुम,
इधर-उधर न फेंको।
जो करे ये काम गलत,
उसको तुम हरदम रोंको।
Written by- Nidhi Agarwal

Hindi Poem for Kids- बच्चों के लिए कविता


गोल-गोल दुनिया

गोल-गोल सी दुनिया हमारी,
लगती है देखो कितनी प्यारी।
गोल-गोल घूमती दिनभर,
कभी तो थक जाती होगी बेचारी।
फिर भी ये चलती रहती है,
नही मानती कभी भी हार।
पर सूरज चाचा से डर जाती जो,
लगाती रहती उनके चक्कर दिन-रात।
365 दिन में पूरा करती उनका फेरा,
फिर भी कभी नही घबराती।
नौ ग्रहों संग मिलकर,
कभी-कभी है धूम मचाती।
आसमान की दुनिया की ये,
देखो कितनी लंबी सैर लगाती।
चंदा मामा मामा इसके सेवक,
करते रहते इसकी चौकीदारी,
लेकर फेरा इसका दिनभर,
करते रहते इसकी पहरेदारी।
देखो कितना पानी इसपर,
तभी तो नीला ग्रह कहलाती।
पानी हवा यहां है सारे,
रहती सदा यहां हरियाली।
Written by- Nidhi Agarwal

Poem for Kids in Hindi


सूरज चाचा और आठ ग्रह

सूरज चाचा कितने बड़े है,
आसमान के है राजा।
ठंडी में चुप रहते और
गर्मी में बजाते है सबका बाजा।

आठ ग्रहों का है उनका परिवार,
सब करते है उनकी पहरेदारी।
उनके चक्कर दिन-रात लगाकर सब,
लगता करते उनकी निगरानी।

बुद्ध ग्रह है सबसे छोटा,
रहता सूरज के सबसे पास।
सहकर इतनी सारी गर्मी,
हो जाता है वो कभी-कभी उदास।

शुक्र ग्रह का है नम्बर दो,
पृथ्वी के पास वो रहता।
भोर का तारा कहलाता,
कुछ दूर रह कर भी सबसे गर्म है रहता।

सबसे प्यारी पृथ्वी हमारी,
नम्बर तीन पर बारी इसकी आती।
हरी-भरी है प्रकति यहां पर,
लगती कितनी रंगीन।

मंगल ग्रह है पृथ्वी से छोटा
इसका है नंबर चार।
पृथ्वी के पास ये रहता,
इस पर भी संभव है संसार।

पाँचवे नम्बर पर आता है बृहस्पति,
सबसे बड़ा ग्रह कहलाता,
सबसे ज्यादा है उपग्रह इसके,
कभी-कभी ये तूफानी हो जाता।

शनि ग्रह का नम्बर है छह,
बृहस्पति से छोटा कहलाता,
इसकी भी है शान निराली,
चारो तरफ अपने रिंग बनाता।

अरुण ग्रह शनि के बाद है आता,
नम्बर है इसका सात।
हरा ग्रह ये कहलाता,
ठंडी की इसपर है बिसात।

वरुण ग्रह है नीला-नीला,
ये है सबसे बाद में आता।
सूरज से है सबसे दूर ये,
तभी तो नम्बर आठ पे आता।
Written by- Nidhi Agarwal

Bacchon ke liye Hindi Kavita


देश के प्रतीक

हमारे देश के प्रतीक महान,
ये है हमारे देश की शान।
राष्ट्रीय पुष्प कमल है अपना,
है ये देश की पहचान।
सभी पुष्पों से श्रेष्ठ बन गया,
बढ़ाता देश का मान।

राष्ट्रीय फल आम है देश का
यह है बहुत ही खास।
फ़लों का राजा ये कहलाता,
इसमें बहुत है मिठास।

राष्ट्रीय पशु चीता है भारत का,
भारतीय वनों की शान।
इनकी रक्षा अपना धर्म है,
ये है भारत की जान।

राष्ट्रीय वृक्ष है बरगद,
औषधीय गुणों की खान।
दीर्घ आयु का प्रतीक है,
है ये भारत का मान।

'वंदे मातरम' राष्ट्रीय गीत भारत का,
भारत माँ की पहचान।
पवित्र और सुंदरतम गीत से,
खिल उठती है सुरों की तान।

'जन गण मन' है अपने,
भारत का राष्ट्रगान।
रविन्द्र नाथ टैगोर इसके रचयिता,
है गुरुदेव देश के महान।

तीन रंग से रंगा तिरंगा,
है भारत की शान और बान।
मध्य इसके अशोक चक्र है,
इसकी मर्यादा की रक्षा करना हरदम,
ये है हमारे देश का सम्मान।
Written by- Nidhi Agarwal

Topics Suggested For Kids:


हमें आशा है कि आपको यह बच्चों के लिए कविताएँ Poem for Kids in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। हम अपनी कविताओं के माध्यम से बच्चों को कुछ सीखाना चाहते है। हमारी इन कविताओं से बच्चे कुछ सीख ले सके, हमारा यही लक्ष्य है। बच्चे कल के भविष्य है और शिक्षा पाना इनका अधिकार है। उपर्युक्त कविताएँ बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक है और वह इन्हें पढ़कर कुछ सीखे, हमें यही आशा है।

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EDITED BY- Somil Agarwal

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