बच्चों, आसमान की दुनियाँ हमारे लिए हमेशा से आश्चर्य से भरी रही है। इनके अंदर असंख्य तारे, चाँद और सूरज ने हमेशा से हमारा मन लुभाया है। माँ ने बचपन में चाँद-सितारों की लोरियाँ सुनाई। हमने भी इनकी कविताओं और कहानियाँ से अपना मन खूब बहलाया है। इन सब में सबसे जाएदा चाँद ने हमारा मन मोहा है। लेकिन सूरज जी भी कुछ कम नही रहे है उनकी भी कई कहानियां हमने सुनी होंगी। कोई सूरज को दादा कहता है तो कोई उनको चाचा कहता है। इन सूरज चाचा के तो अपने अलग ही रंग और ढंग है। मौसम के हिसाब से इनका मिजाज भी बदलता रहता है।
आज हम बच्चों के लिए लेकर आए है सूरज चाचा पर कुछ कविताएँ Poem on Sun in Hindi, चंदा मामा की तरह सूरज चाचा भी बच्चों के लिए बहुत प्रिय है। हमारी द्वारा लिखी गयी सूरज पर कविताएँ बच्चों का मनोरंजन करेंगी। हमने अपनी कविताओं के माध्यम से सूरज का अद्भुत वर्णन किया है और हमें आशा है कि आपको और आपके बच्चों को यह सूरज पर कुछ कविताएँ जरूर पसंद आयेंगी। हम आपके समक्ष Poem on Sun in Hindi शेयर करते है।
आज हम बच्चों के लिए लेकर आए है सूरज चाचा पर कुछ कविताएँ Poem on Sun in Hindi, चंदा मामा की तरह सूरज चाचा भी बच्चों के लिए बहुत प्रिय है। हमारी द्वारा लिखी गयी सूरज पर कविताएँ बच्चों का मनोरंजन करेंगी। हमने अपनी कविताओं के माध्यम से सूरज का अद्भुत वर्णन किया है और हमें आशा है कि आपको और आपके बच्चों को यह सूरज पर कुछ कविताएँ जरूर पसंद आयेंगी। हम आपके समक्ष Poem on Sun in Hindi शेयर करते है।
सूरज पर कुछ कविताएँ | Poem on Sun in Hindi
Poem on Sun in Hindi |
Poem on Sun in Hindi
सूरज चाचा
सूरज चाचा कितनी गर्मी है,
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
भेज बादलों को भूरे-भूरे,
थोड़ी बारिश करवाओ ना।
इतनी गर्मी में तुम भी,
कही तो छुप जाओ ना।
सूरज चाचा कितनी गर्मी है,
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
बच्चों की छुट्टियों को,
यूं न व्यर्थ बनाओ ना।
कुछ खेल खेलने दो हमको,
हमारा भी दिन बनाओ ना।
गर्मी कम करके अपनी,
ठंडी हवा को बुलाओ ना।
सूरज चाचा कितनी गर्मी है,
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
भेज बादलों को भूरे-भूरे,
थोड़ी बारिश करवाओ ना।
इतनी गर्मी में तुम भी,
कही तो छुप जाओ ना।
सूरज चाचा कितनी गर्मी है,
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
बच्चों की छुट्टियों को,
यूं न व्यर्थ बनाओ ना।
कुछ खेल खेलने दो हमको,
हमारा भी दिन बनाओ ना।
गर्मी कम करके अपनी,
ठंडी हवा को बुलाओ ना।
सूरज चाचा कितनी गर्मी है,
तुम थोड़ा सा थम जाओ ना।
- निधि अग्रवाल
सूरज चाचा तो वैसे है बड़े मजेदार। गर्मियों में तो ये हम सबको खूब सताते है मगर ठंडी के मौसम में ये हम सबको उतना ही भाते है। सूरज दादा हमारी प्रकृति के लिए उपहार हैं जिनके बिना जीवन तो असंभव है, और ये ही इस प्रकृति को हरियाली प्रदान करते है और सभी को जीवन प्रदान करतें है। इन्ही सूरज चाचा के अलग-अलग रंगों की हम आपके सामने सूरज पर कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने जा रहे है। एक कविता पूरब से लेकर रवि लाली आपके समक्ष प्रस्तुत करते है।
सूरज चाचा तो वैसे है बड़े मजेदार। गर्मियों में तो ये हम सबको खूब सताते है मगर ठंडी के मौसम में ये हम सबको उतना ही भाते है। सूरज दादा हमारी प्रकृति के लिए उपहार हैं जिनके बिना जीवन तो असंभव है, और ये ही इस प्रकृति को हरियाली प्रदान करते है और सभी को जीवन प्रदान करतें है। इन्ही सूरज चाचा के अलग-अलग रंगों की हम आपके सामने सूरज पर कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने जा रहे है। एक कविता पूरब से लेकर रवि लाली आपके समक्ष प्रस्तुत करते है।
सूरज चाचा पर कविता
पूरब से लेकर रवि लाली
पूरब से लेकर रवि लाली,
रोज सवेरे है आते।
फैलाकर उजियाला अपना,
है जग को रौशन कर जाते।
देते नवजीवन पौधों को,
धरती को देते हरियाली।
खिलाकर नवकुसमों को,
महकाते वो डाली-डाली।
पंखों में डालकर जीवन,
खग को देते नई उड़ान।
करते है अपनी आभा से,
नव जीवन का नवल विहान।
इंद्रधनुष के सप्तरंगों में,
बन प्रकृति का कलाकार।
बरसा कर मेह धरती पर,
करते है उसका श्रृंगार।
रोज सवेरे है आते।
फैलाकर उजियाला अपना,
है जग को रौशन कर जाते।
देते नवजीवन पौधों को,
धरती को देते हरियाली।
खिलाकर नवकुसमों को,
महकाते वो डाली-डाली।
पंखों में डालकर जीवन,
खग को देते नई उड़ान।
करते है अपनी आभा से,
नव जीवन का नवल विहान।
इंद्रधनुष के सप्तरंगों में,
बन प्रकृति का कलाकार।
बरसा कर मेह धरती पर,
करते है उसका श्रृंगार।
- निधि अग्रवाल
बच्चों, हमारे जीवन में सूरज चाचा का महत्व बहुत बड़ा है, वैसे तो आप सभी ने अपने स्कूल व कॉलेज में पढ़ा ही होगा, फिर भी हम आपको ज्ञात करा देते है। सबसे पहले तो हमें इनसे प्रकाश ही मिलता है और फिर यही प्रकाश को हम सौर्य ऊर्जा में परिवर्तित करते है, जिससे हमें बिजली जैसी अनमोल चीज़ मिलती है। इनसे हमें गर्मी भी मिलती है, जो ठण्ड में हमें राहत देती है, लेकिन गर्मी के मौसम में ये थोड़ा नाराज़ हो जाते है। इनसे केवल हमको ही फायदा नहीं है, इनकी वजह से तो पूरी सृष्टि चलती है। सूरज पर कविताओं के संग्रह से एक कविता सूरज चाचा दमक रहे आपके लिए।
बच्चों, हमारे जीवन में सूरज चाचा का महत्व बहुत बड़ा है, वैसे तो आप सभी ने अपने स्कूल व कॉलेज में पढ़ा ही होगा, फिर भी हम आपको ज्ञात करा देते है। सबसे पहले तो हमें इनसे प्रकाश ही मिलता है और फिर यही प्रकाश को हम सौर्य ऊर्जा में परिवर्तित करते है, जिससे हमें बिजली जैसी अनमोल चीज़ मिलती है। इनसे हमें गर्मी भी मिलती है, जो ठण्ड में हमें राहत देती है, लेकिन गर्मी के मौसम में ये थोड़ा नाराज़ हो जाते है। इनसे केवल हमको ही फायदा नहीं है, इनकी वजह से तो पूरी सृष्टि चलती है। सूरज पर कविताओं के संग्रह से एक कविता सूरज चाचा दमक रहे आपके लिए।
Hindi Poem on Sun
Poem on Sun in Hindi |
सूरज चाचा दमक रहे
देखो-देखो! आसमान में,
सूरज चाचा चमक रहे है।
चमकीले से कपड़ों में देखो,
कितने वो दमक रहे है।
धरती को देने उजियारा,
लाते वो रोज सवेरा।
करने जगमग धरती को,
दिनभर देते है वो पहरा।
बारिश के मौसम में देखो,
कितने रंग वो लाते है।
सतरंगी कर आसमान को,
इंद्रधनुष खिलाते हैं।
कितनी उनकी है शान निराली,
छाई है माथे पर उनके लाली।
उनके आने से आये हरियाली,
उनसे ही छाए धरती पर खुशहाली।
सूरज चाचा चमक रहे है।
चमकीले से कपड़ों में देखो,
कितने वो दमक रहे है।
धरती को देने उजियारा,
लाते वो रोज सवेरा।
करने जगमग धरती को,
दिनभर देते है वो पहरा।
बारिश के मौसम में देखो,
कितने रंग वो लाते है।
सतरंगी कर आसमान को,
इंद्रधनुष खिलाते हैं।
कितनी उनकी है शान निराली,
छाई है माथे पर उनके लाली।
उनके आने से आये हरियाली,
उनसे ही छाए धरती पर खुशहाली।
- निधि अग्रवाल
दोस्तों और हमारे प्यारे बच्चों, सूरज चाचा की वजह से ही हम इस धरती पर आसानी से जीवन व्यतीत कर पा रहे है। हम तो यही कहेंगे कि सूरज चाचा है तो यह धरती भी है। मगर आज हम इस प्रकृति के अनेक संसाधनों का दुरूपयोग कर इन्हें गुस्सा कर रहे है। आइये हम समझाते है कैसे, वैसे तो सूरज चाचा के बहुत गर्मी है, इनकी गर्मी हमारे पास ज्यादा न पहुँच जाए इसलिए हमारी धरती माँ के पास एक ओज़ोन नाम की चादर है जिससे वो हमारी रक्षा करती है। मगर आज हम पेड़ पौधों को खत्म कर व वातावरण को प्रदूषित कर धरती माँ की इस चादर को खत्म कर रहे है, जिससे हमारे सूरज चाचा की गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसा ही चलता रहा तो सूरज चाचा हमसे नाराज़ हो जायेंगे, इसीलिए बच्चों आप सब हमारी सूरज चाचा पर कविताओं से कुछ सीखें और हमारी प्रकृति को बचाने में अपना सहयोग दें, अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।
दोस्तों और हमारे प्यारे बच्चों, सूरज चाचा की वजह से ही हम इस धरती पर आसानी से जीवन व्यतीत कर पा रहे है। हम तो यही कहेंगे कि सूरज चाचा है तो यह धरती भी है। मगर आज हम इस प्रकृति के अनेक संसाधनों का दुरूपयोग कर इन्हें गुस्सा कर रहे है। आइये हम समझाते है कैसे, वैसे तो सूरज चाचा के बहुत गर्मी है, इनकी गर्मी हमारे पास ज्यादा न पहुँच जाए इसलिए हमारी धरती माँ के पास एक ओज़ोन नाम की चादर है जिससे वो हमारी रक्षा करती है। मगर आज हम पेड़ पौधों को खत्म कर व वातावरण को प्रदूषित कर धरती माँ की इस चादर को खत्म कर रहे है, जिससे हमारे सूरज चाचा की गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसा ही चलता रहा तो सूरज चाचा हमसे नाराज़ हो जायेंगे, इसीलिए बच्चों आप सब हमारी सूरज चाचा पर कविताओं से कुछ सीखें और हमारी प्रकृति को बचाने में अपना सहयोग दें, अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।
Suraj Par Kavita
सूरज चाचा से लगता डर
सूरज चाचा जब आते है,
चंदा मामा छुप जाते है।
आसमान के सारे तारे,
जाने कहाँ गुम हो जाते है।
तेज रौशनी से सूरज चाचा की,
लगता सब डर जाते है।
इसलिए छिप कर कही,
अपना दिन बिताते हैं।
शाम को जब सूरज चाचा,
अपने घर को जाते है।
आसमान के सारे तारे,
चंदा संग खुशी मनाते है।
जल्दी-जल्दी अपने घरों से,
बाहर निकल कर आते है।
ठंडी-ठंडी अपनी चाँदनी से,
सबका मन हर्षाते है।
चंदा मामा छुप जाते है।
आसमान के सारे तारे,
जाने कहाँ गुम हो जाते है।
तेज रौशनी से सूरज चाचा की,
लगता सब डर जाते है।
इसलिए छिप कर कही,
अपना दिन बिताते हैं।
शाम को जब सूरज चाचा,
अपने घर को जाते है।
आसमान के सारे तारे,
चंदा संग खुशी मनाते है।
जल्दी-जल्दी अपने घरों से,
बाहर निकल कर आते है।
ठंडी-ठंडी अपनी चाँदनी से,
सबका मन हर्षाते है।
- निधि अग्रवाल
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EDITED BY- सोमिल अग्रवाल
Sun poem in hindi video
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