आप सभी ने चाँद पर कविताएँ तो अवश्य सुनी होंगी, चाँद पर कविताओं का जिक्र होते ही, हम सबको एक ही कविता स्मृत आ जाती है, वो है "चंदा मामा दूर के, पुए पकाए बूर के, आप खाए थाली में, मुन्ने को दे प्याली में, प्याली गयी टूट, मुन्ना गया रूठ" आदि। हम बच्चों के लिए लेकर आए है, कई अन्य मज़ेदार चाँद पर कविताएँ। इन कविताओं के जरिये हमने चाँद का अद्भुत वर्णन प्रस्तुत किया है, जिससे बच्चों का, इन कविताओं को पढ़ते समय पूर्ण रूप से मनोरंजन हो सके। हम आपके समक्ष Poem on Moon in Hindi शेयर करते है।
चंदा मामा पर कविताएँ | Poem on Moon in Hindi
Poem on Moon Chanda Mama in Hindi |
Poem on Moon in Hindi- चंदा मामा पर कविता
चंदा मामा
चंदा मामा दूर गगन से,
मेरे घर भी आओ ना।
गाकर लोरी मीठी-मीठी,
मुझको तुम सुलाओं ना।
ले जाकर मुझे बादलों में,
मेरा मन बहलाओ ना।
अपने गोदी के पलने में मुझको,
झूला तुम झुलाओं ना।
मेरे घर भी आओ ना।
गाकर लोरी मीठी-मीठी,
मुझको तुम सुलाओं ना।
ले जाकर मुझे बादलों में,
मेरा मन बहलाओ ना।
अपने गोदी के पलने में मुझको,
झूला तुम झुलाओं ना।
आसमाँ की दुनिया में,
मुझको तुम सैर कराओ ना।
मस्त पवन के झोंको से,
मेरा सिर सहलाओं ना।
मेरे सपने को सच करने,
चंदा मामा आओ ना।
गाकर लोरी मीठी-मीठी,
मुझको तुम सुलाओं ना।
Written by- Nidhi Agarwal
Chand Par Kavita- चाँद पर कविता
चंदा मामा एक रूप अनेक
चंदा मामा दूर गगन में,
रोज रात को आते हो।
पर एक बात समझ नही आई,
दिन में कहाँ छुप जाते हो।
कभी बड़े, कभी तुम छोटे,
कभी गोल-गोल बन जाते हो।
इतने सारे रूप मगर तुम,
बोलो कहाँ से लाते हो।
कभी यहां, तो कभी वहाँ,
कहाँ-कहाँ तुम जाते हो।
कभी बादलों की ओट में,
चुपके से छुप जाते हो।
आसमान की दुनिया में,
तुम दिन भर सैर लगाते हो।
मस्त पवन के झोंको से,
तुम अपना दिल बहलाते हो।
रोज रात को आते हो।
पर एक बात समझ नही आई,
दिन में कहाँ छुप जाते हो।
कभी बड़े, कभी तुम छोटे,
कभी गोल-गोल बन जाते हो।
इतने सारे रूप मगर तुम,
बोलो कहाँ से लाते हो।
कभी यहां, तो कभी वहाँ,
कहाँ-कहाँ तुम जाते हो।
कभी बादलों की ओट में,
चुपके से छुप जाते हो।
आसमान की दुनिया में,
तुम दिन भर सैर लगाते हो।
मस्त पवन के झोंको से,
तुम अपना दिल बहलाते हो।
Written by- Nidhi Agarwal
Hindi Poem on Moon- Chanda Mama Kavita
चंदा मामा आओ न
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
मेरी राज दुलारी को तुम,
सपनों की सैर करा दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
तारों की झिलमिल दुनिया से,
एक खिलौना ला दो।
मेरी गुड़िया रानी के मन को,
थोड़ा सा बहला दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
प्यारी सी थपकी देकर,
उसका सिर सहला दो।
मेरी राजदुलारी के आंखों में,
देकर थोड़ी सी निंदिया, सुला दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
मीठी सी तान सुना दो।
मेरी राज दुलारी को तुम,
सपनों की सैर करा दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
तारों की झिलमिल दुनिया से,
एक खिलौना ला दो।
मेरी गुड़िया रानी के मन को,
थोड़ा सा बहला दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
प्यारी सी थपकी देकर,
उसका सिर सहला दो।
मेरी राजदुलारी के आंखों में,
देकर थोड़ी सी निंदिया, सुला दो।
चंदा मामा आके जल्दी से,
मीठी सी तान सुना दो।
Written by- Nidhi Agarwal
Poem on Moon in Hindi
चंदा मामा की बारात
आयी है देखो अम्बर पर,
चंदा की बारात।
तारें आये है बाराती बनकर,
देने सपनों की सौगात।
रौशन है नगरी अम्बर की,
झिलमिल करते तारों से।
चाँद की दुल्हन बनी चंदनिया,
लगती है हजारों में।
होठों पर लिए मुस्कान,
कुछ शरमाई सी, कुछ इतराई है।
तारों की जयमाला है हाथों में,
कर रहे सब मंगलगान।
आज इस शुभ-मुहर्त का,
साक्षी है पूरा अम्बर।
करने स्वागत नव जोड़े का,
छाया नभ में अम्बुद का स्वर।
Written by- Nidhi Agarwal
Hindi Poem on Moon- चाँद तारों पर कविता
चाँद की सवारी
माँ, करके चाँद की सवारी,
मैं घूमूँगा दुनिया सारी।
परियों के देश में जाकर,
देखूँगा दुनिया उनकी निराली।
बादलों से मिलकर सुनुँगा उनसे,
रिमझिम सी बारिश की कहानी।
मस्त हवाओं संग झूम-झूमकर,
हो जाऊंगा मैं भी रूहानी।
पंक्षियों के संग ताल मिलाकर,
उडुंगा चाल मतवाली।
दूर आसमाँ में जाकर,
पा लूंगा सारी आज़ादी।
माँ, करके चाँद सवारी,
हो जाएगी हर इच्छा पूरी हमारी।
तोड़ लाऊंगा आसमाँ से कुछ तारे,
करने माँ, रौशन तेरी दुनिया प्यारी।
Written by- Nidhi Agarwal
बच्चों, चंदा मामा की कविताएं हम बचपन से पढ़ते आए है और हमारे पढ़ने से पहले ही जब हम बहुत छोटे हुआ करते थे, जिन दिनों के बारे में हमें याद भी नही होगा, जब हम सब नन्हें-मुन्ने से बच्चे रहे होंगे, तब हमारी माँ इसी चंदा मामा की लोरी गा गाके हमें सुलाती थी, हमारे रूठ जाने पर हमको वो चाँद सा खिलौना लाने को कहती थी और हम झट से मान भी जाते थे। आज हम सब जानते है वो प्यारी सी लोरियाँ और चंदा मामा की कहानियाँ माँ हमें बहलाने के लिए सुनाती थी। लेकिन बचपन की वो चंदा मामा पर बाल कविताएँ और कहानियाँ बिल्कुल सच्चे लगते थे। इन चंदा मामा के साथ हमारे बचपन की यादें जुड़ी है, जो आज भी हमारे साथ हैं और हमारे मन को लुभाती हैं।
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अन्य कविताएँ:
Poem on Vegetables
Poem on Ant
Poem on Nature
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Edited By- Somil Agarwal
Apne Joh likha h "maa karke chand savari" yaha maa rhega ya mai
ReplyDeleteYha pe "MAA" hi hoga, because its a assumption in a poem that child says to his mother and talk to his mother.
ReplyDeleteSuper
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