15 अगस्त का दिन हमारे देश के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण दिन रहा है। क्योंकि इस दिन हम भारत वासियों ने अंग्रेज़ो की गुलामी से आज़ादी पायी थी। हमें गुलामी से आज़ाद कराने में कई महान वीर पुरुषों जैसे चंद्र शेखर आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस, गांधी जी आदि का अभूतपूर्व योगदान रहा है। उन्होंने देश की रक्षा के खातिर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया और देश की स्वतंत्रता की खातिर अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
इसी योगदान को याद करते हुए हम प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मनातें है और उन देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है। इन महापुरूषों ने अपना बलिदान देकर हमारे देश पर बहुत उपकार किया, और इनका ये बलिदान व्यर्थ न हो इसलिए हमें भी इस आज़ादी को बनाये रखने के लिए अपना योगदान देना होगा, हमें देश की सेवा के लिए तत्पर रहना होगा, तभी हमारी आज़ादी कायम रह पाएगी। हम इन्हीं महापुरुषों को याद कर 15 अगस्त पर कविताएँ आपके समक्ष शेयर करते है। जय हिंद, जय भारत!
इसी योगदान को याद करते हुए हम प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मनातें है और उन देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है। इन महापुरूषों ने अपना बलिदान देकर हमारे देश पर बहुत उपकार किया, और इनका ये बलिदान व्यर्थ न हो इसलिए हमें भी इस आज़ादी को बनाये रखने के लिए अपना योगदान देना होगा, हमें देश की सेवा के लिए तत्पर रहना होगा, तभी हमारी आज़ादी कायम रह पाएगी। हम इन्हीं महापुरुषों को याद कर 15 अगस्त पर कविताएँ आपके समक्ष शेयर करते है। जय हिंद, जय भारत!
15 अगस्त पर कविताएँ | Poem on Independence Day in Hindi
Hindi Poem on Independence Day |
Poem on Independence Day in Hindi
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगे।
झुका नही जो शीश कभी,
उसको हम न झुकने देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगे।
है गर्व हमें कुर्बानी पर अपनी,
व्यर्थ इसे न होने देंगे।
रक्षक बनकर इसके हम सब,
इसकी आभा न खोने देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें मिट्टी पर अपनी,
इसको धूमिल न होने देंगे।
मातृ भक्ति की खुशबू से,
इसको चंदन कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें संस्कृति पर अपनी,
इसको संवृद्ध कर देंगे।
देकर इसको नई ऊंचाइयां,
रौशन इसको हम कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें भारत पर अपने,
अमर नाम इसका कर देंगे।
बरसा कर देशभक्ति का जल,
इसको पावन कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
इसको कभी न मिटने देंगे।
झुका नही जो शीश कभी,
उसको हम न झुकने देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगे।
है गर्व हमें कुर्बानी पर अपनी,
व्यर्थ इसे न होने देंगे।
रक्षक बनकर इसके हम सब,
इसकी आभा न खोने देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें मिट्टी पर अपनी,
इसको धूमिल न होने देंगे।
मातृ भक्ति की खुशबू से,
इसको चंदन कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें संस्कृति पर अपनी,
इसको संवृद्ध कर देंगे।
देकर इसको नई ऊंचाइयां,
रौशन इसको हम कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
है गर्व हमें भारत पर अपने,
अमर नाम इसका कर देंगे।
बरसा कर देशभक्ति का जल,
इसको पावन कर देंगे।
है गर्व हमें आज़ादी पर अपनी,
इसको कभी न मिटने देंगें।
Written By- Nidhi Agarwal
15 अगस्त पर कविताएँ
स्वतंत्रता दिवस- एक पावन पर्व
आज़ादी के पावन पर्व की,
कितनी छटा निराली है।
लहराता तिरंगा गगन में,
धरती पर फैली हरियाली है।
कल-कल बहती नदियाँ है,
पावन सी इस धरती पर।
जिस मिट्टी पर वीरों का जन्म हुआ,
जहां उनकी अमिट कहानी है।
है नीले अम्बर में भी देखो,
आज़ादी के सपने संजोए।
उड़ते जाते पंख फैलाये,
कितने सारे पंक्षी है।
करता नमन हर भारतवासी,
देश के उन वीरों को।
जिनकी वीरता की गाथाएं,
गूंजती सबकी जुबानी है।
ऐसे पावन पर्व में आओ हम सब भी,
स्वयं को पावन कर लेतें है।
गीतों को गाकर,
आज़ादी को फिर से जी लेते है।
कितनी छटा निराली है।
लहराता तिरंगा गगन में,
धरती पर फैली हरियाली है।
कल-कल बहती नदियाँ है,
पावन सी इस धरती पर।
जिस मिट्टी पर वीरों का जन्म हुआ,
जहां उनकी अमिट कहानी है।
है नीले अम्बर में भी देखो,
आज़ादी के सपने संजोए।
उड़ते जाते पंख फैलाये,
कितने सारे पंक्षी है।
करता नमन हर भारतवासी,
देश के उन वीरों को।
जिनकी वीरता की गाथाएं,
गूंजती सबकी जुबानी है।
ऐसे पावन पर्व में आओ हम सब भी,
स्वयं को पावन कर लेतें है।
गीतों को गाकर,
आज़ादी को फिर से जी लेते है।
Written By- Nidhi Agarwal
Independence Day Par Kavita
आज़ादी- अपनी जान से भी प्यारी
अपनी जान से भी प्यारी है,
हमको अपनी आज़ादी।
इसको पाने के खातिर है हमने,
अपनी जान लुटा दी।
हम भारत के हैं वासी,
इसकी है शान निराली।
शान न इसकी जाने पाए,
करते है हम इसकी रखवाली।
वीर पुरुष थे भारत के,
खेलें थे अपनी जान पर।
देकर आज़ादी इसको,
कर दी थी जान न्योछावर।
हम भी है संताने उनकी,
थे वीर वो जितने महान।
जीवन अर्पण कर देंगे अपना,
देकर अपना बलिदान।
आज़ादी के संरक्षक हम,
इसका का मान बढ़ाएंगे।
इसकी रक्षा के खातिर,
मर जायेंगे, मिट जाएँगे।
हमको अपनी आज़ादी।
इसको पाने के खातिर है हमने,
अपनी जान लुटा दी।
हम भारत के हैं वासी,
इसकी है शान निराली।
शान न इसकी जाने पाए,
करते है हम इसकी रखवाली।
वीर पुरुष थे भारत के,
खेलें थे अपनी जान पर।
देकर आज़ादी इसको,
कर दी थी जान न्योछावर।
हम भी है संताने उनकी,
थे वीर वो जितने महान।
जीवन अर्पण कर देंगे अपना,
देकर अपना बलिदान।
आज़ादी के संरक्षक हम,
इसका का मान बढ़ाएंगे।
इसकी रक्षा के खातिर,
मर जायेंगे, मिट जाएँगे।
Written By- Nidhi Agarwal
Hindi Poem on Independence Day
देश के वीर पुरुष
चलो सुनाऊ आज तुम्हें,
ऐसी एक कहानी।
जिसमें थे वे वीर पुरुष,
और थे महान बलिदानी।
करके अपनी जान न्योछावर,
दे दी अपनी कुर्बानी।
भारत माँ की रक्षा के खातिर,
कुर्बान कर दी अपनी जवानी।
गाँधी, सुभाष और चंद्रशेखर,
थे महान अभिमानी।
झुके नहीं शीश उनके,
उनकी थी गजब रवानी।
लक्ष्मीबाई थी वीरांगना,
वो खूब लड़ी मर्दानी।
मिट गई देश की रक्षा के खातिर,
थी वो अज़ब मस्तानी।
थे महान वो वीर पुरूष,
उनके पितृ और जनिनी।
स्वर्ण-अक्षरों में नाम लिखा जो,
इस धरती को कर गए पावनी।
गाथाएँ महान थी उनकी,
है दुनिया दीवानी।
न मिटी थी, न मिटी है,
न मिटेंगी उनकी ये अमर कहानी।
ऐसी एक कहानी।
जिसमें थे वे वीर पुरुष,
और थे महान बलिदानी।
करके अपनी जान न्योछावर,
दे दी अपनी कुर्बानी।
भारत माँ की रक्षा के खातिर,
कुर्बान कर दी अपनी जवानी।
गाँधी, सुभाष और चंद्रशेखर,
थे महान अभिमानी।
झुके नहीं शीश उनके,
उनकी थी गजब रवानी।
लक्ष्मीबाई थी वीरांगना,
वो खूब लड़ी मर्दानी।
मिट गई देश की रक्षा के खातिर,
थी वो अज़ब मस्तानी।
थे महान वो वीर पुरूष,
उनके पितृ और जनिनी।
स्वर्ण-अक्षरों में नाम लिखा जो,
इस धरती को कर गए पावनी।
गाथाएँ महान थी उनकी,
है दुनिया दीवानी।
न मिटी थी, न मिटी है,
न मिटेंगी उनकी ये अमर कहानी।
Written By- Nidhi Agarwal
स्वतंत्रता दिवस पर कविता
हम आज़ादी के परवाने है
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
देश की आज़ादी के खातिर,
मरने और मिटने वालें है।
जान हथेली पर है अपनी,
फिर भी न डरने वाले है।
जलने के डर से पीछे,
हम न कभी हटने वाले है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
डूबे हस्ती तो अपनी क्या,
इस गम में न जीने वाले है।
डूबे है ऐसी मस्ती में हम,
अब कोई न रस पीने वालें है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
जीना और मरना भी अपना,
इस देश के हवाले है।
वतन के वास्ते कुर्बान ये जान,
हम वतन के रखवाले है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
दीवाने है मस्ताने है।
देश की आज़ादी के खातिर,
मरने और मिटने वालें है।
जान हथेली पर है अपनी,
फिर भी न डरने वाले है।
जलने के डर से पीछे,
हम न कभी हटने वाले है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
डूबे हस्ती तो अपनी क्या,
इस गम में न जीने वाले है।
डूबे है ऐसी मस्ती में हम,
अब कोई न रस पीने वालें है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
जीना और मरना भी अपना,
इस देश के हवाले है।
वतन के वास्ते कुर्बान ये जान,
हम वतन के रखवाले है।
हम आज़ादी के परवाने,
दीवाने है मस्ताने है।
Written by- Nidhi Agarwal
हमें आशा है कि आपको यह Hindi Poems on Independence Day जरूर पसंद आयी होंगी। अगर आपको यह कविताएँ अच्छी लगी हो तो इन्हें Share कर दीजिये, नीचे दिए गए Share Icons का उपयोग करके। आपके एक शेयर से और लोगों को अपने देश भारत के प्रति प्रेम रुपी भावना जाग्रत होगी। यह स्वतंत्रता दिवस पर कविताएँ क्लास नर्सरी से लेकर क्लास 12 तक सभी बच्चों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। यह नौजवानों व बड़े-बूढ़ों के लिए भी अपने देश के प्रति लगन को जाग्रत करेंगी।
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EDITED BY- Somil Agarwal
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