हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी- 'विकास पुरुष' के नाम से जाने जाते है और वर्तमान समय में दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से है। उन्होंने अपने कार्यो से भारत को एक प्रभावशाली और विकासशील देश बनाया है। नरेंद्र मोदी एक भारतीय राजनेता होने के साथ-साथ, एक अच्छे कवि और वक्ता भी है। प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेय दिया जाता है। उनके नेतृत्व में भारत को प्रमुख दर्जा मिला है।
हमारे देश के ऐसे गौरवान्वित और महान पुरुष को समर्पित कर, कुछ कविताओं का संग्रह नरेंद्र मोदी पर कविताएँ Poem on Narendra Modi in Hindi आपके समक्ष शेयर करते है। इन कविताओं के माध्यम से देश विदेश के बच्चों व नौजवानों को हमारे प्यारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।
नरेंद्र मोदी पर कविताएँ | Poem on Narendra Modi in Hindi
Poem on Narendra Modi in Hindi |
Poem on Narendra Modi in Hindi
मोदी एक रूप
विश्व के इतिहास में,
एक नया इतिहास बनाया है।
धूमिल हो रहे भारत के,
स्वप्नों को फिर से जगाया है।
स्वर्ण युग की कामना लेकर फिर से,
इस जमी पर एक शूर वीर आया है।
देश को एकता के सूत्र में पिरोकर,
अखंडता का नूर लाया है।
विश्व के नव पटल पर फिर से,
करने एक नए युग का आरंभ,
मोदी के रूप में एक देवदूत आया है।
एक नया इतिहास बनाया है।
धूमिल हो रहे भारत के,
स्वप्नों को फिर से जगाया है।
स्वर्ण युग की कामना लेकर फिर से,
इस जमी पर एक शूर वीर आया है।
देश को एकता के सूत्र में पिरोकर,
अखंडता का नूर लाया है।
विश्व के नव पटल पर फिर से,
करने एक नए युग का आरंभ,
मोदी के रूप में एक देवदूत आया है।
Written by- Nidhi Agarwal
हमारे प्रधानमंत्री कहते है कि "आपका चौकीदार मजबूती के साथ खड़ा है और देश की सेवा में जुटा है। लेकिन मैं अकेला नही हूँ, हर वो शख्स जो भ्रष्टाचार, गंदगी और सामाजिक बुराइयों से लड़ रहा है, वो भी चौकीदार है। हर इंसान जो भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, वो चौकीदार है।" हमारे प्रधानमंत्री के ऐसे स्वर्णिम शब्द हमें हिम्मत प्रदान करते है और हमें ऐसा अहसास होता है कि हमभी अपने देश के लिए कुछ कर रहे है। हम सब साथ में मिलकर अपने देश के लिए कुछ कर रहे है। कुछ अनमोल विचार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नरेंद्र मोदी पर कविता के जरिये।
देश का चौकीदार
Hindi Poem on Narendra Modi
Poem on Narendra Modi in Hindi |
देश का चौकीदार
हाँ है वफादार।
है वह देश का चौकीदार,
देश के लिए जीता,
देश के लिए जगता।
नए विश्व में किया है उसने,
भारत का स्वप्न साकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
लोकतंत्र के नभ में उभरा एक नया तारा।
जिसकी करते सब जय जयकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
दुश्मन को दहला कर,
अपना परचम लहराने वाला कलाकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
आएगा फिर से बनकर सूरज,
मिटाने अराजकता का अंधकार।
बनके वह वफादार,
बनके देश का चौकीदार।
है वह देश का चौकीदार,
देश के लिए जीता,
देश के लिए जगता।
नए विश्व में किया है उसने,
भारत का स्वप्न साकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
लोकतंत्र के नभ में उभरा एक नया तारा।
जिसकी करते सब जय जयकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
दुश्मन को दहला कर,
अपना परचम लहराने वाला कलाकार।
हाँ है वफादार,
है वह देश का चौकीदार।
आएगा फिर से बनकर सूरज,
मिटाने अराजकता का अंधकार।
बनके वह वफादार,
बनके देश का चौकीदार।
Written by- Nidhi Agarwal
आज हम सब लोग मोदी जी के साथ खड़े है, चाहे वह बच्चा हो, जवान हो या कोई बूढ़ा हर कोई हमारे प्रिय प्रधानमंत्री के साथ कदम से कदम मिलाने को तत्पर है। हमारे देश का विकास कर 'भारत' को एक उच्च कोटि का राष्ट्र का दर्ज़ा दिलाया है। सही समय पे निर्णय लेने की इनकी प्रमुख विशेषता रही है, आज हमारे दुश्मन भारत की तरफ नज़र भी नही उठा के देख सकते है। हर मुश्किलों में वह तत्पर रहते है। कुछ शब्द हम आपके सामने नरेंद्र मोदी पर कविता के माध्यम से समक्ष शेयर करते है।
Narendra Modi Par Kavita
हर मुश्किल में जो टिका रहा
हर मुश्किल में जो टिका रहा,
आंधी तूफानों से भी लड़ा रहा।
लहरों के भय से ऊँचा उठकर,
हरदम वह खिला रहा।
हो सकता है धूमिल वह शायद,
पर नही मिटा है, नही मिटेगा।
रह अटल फिर से चमकेगा,
वह बनकर ध्रुवतारा।
हो सकता है डगमग वह शायद,
बाधाओं के दलदल में।
पर वही खिला है, वही खिलेगा,
बनकर अम्बुज सा।
एक हिमालय काफी है,
दुश्मन से लड़ने के खातिर।
खड़ा रहा है, खड़ा रहेगा,
बनकर रक्षक इस देश का।
वह है मोदी, वही ध्रुवतारा है,
लिए फौलाद से सीना हिमालय सा।
वह मोदी हमारा है,
आशाओं का पुष्प है।
जीत का बिगुल बजायेगा फिर से।
नव भारत में नव पुष्प खिलाने,
आएगा राष्ट्र का नव पुष्प बनकर फिर से।
आंधी तूफानों से भी लड़ा रहा।
लहरों के भय से ऊँचा उठकर,
हरदम वह खिला रहा।
हो सकता है धूमिल वह शायद,
पर नही मिटा है, नही मिटेगा।
रह अटल फिर से चमकेगा,
वह बनकर ध्रुवतारा।
हो सकता है डगमग वह शायद,
बाधाओं के दलदल में।
पर वही खिला है, वही खिलेगा,
बनकर अम्बुज सा।
एक हिमालय काफी है,
दुश्मन से लड़ने के खातिर।
खड़ा रहा है, खड़ा रहेगा,
बनकर रक्षक इस देश का।
वह है मोदी, वही ध्रुवतारा है,
लिए फौलाद से सीना हिमालय सा।
वह मोदी हमारा है,
आशाओं का पुष्प है।
जीत का बिगुल बजायेगा फिर से।
नव भारत में नव पुष्प खिलाने,
आएगा राष्ट्र का नव पुष्प बनकर फिर से।
Written by- Nidhi Agarwal
हम सब लोग आज ऐसे 'विकास पुरुष' को सलाम करते है और शत-शत नमन करते है, जिन्होंने हमें सर उठा के चलना सिखाया है। हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व और हम सब यही चाहते है, हमारा देश और आगे बढ़े, और नई-नई उपलब्धि हासिल करे। यह मोदी पर कविताएँ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को, युवाओं को और बड़े-बूढ़ों को प्रेरणा प्रदान करें। यही हमारी कामना है, ताकि वह भी हमारे राष्ट्र के प्रति समर्पित हो, उनमें कुछ कर दिखाने की चाह बढ़े। इन कविताओं से हमारा मार्ग दर्शन बढ़े।
ऐसे ही प्रेरणा लेने के लिए आपके समक्ष एक और महान पुत्र है, जिनका नाम है 'Abhinadan Varthaman'
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ऐसे ही प्रेरणा लेने के लिए आपके समक्ष एक और महान पुत्र है, जिनका नाम है 'Abhinadan Varthaman'
Must Read:
- Poems on Abhinandan Varthaman in Hindi
- Poems on Indian Soldiers in Hindi
- Poems on Stop Terrorism in Hindi
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Edited by- Somil Agarwal
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