आज आतंकवाद पूरे विश्व के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुका है। चाहे भारत हो या विश्व के अन्य देश, आतंकवाद जैसी समस्या से जूझ रहे है। आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने और धमकाने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किता जाता है। विश्व भर में न जाने कितने आतंकवादी संगठन पनप रहे है, जो आतंकवाद के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने में लगातार हिंसात्मक गतिविधियाँ करते चले आ रहे है।
आज, आतंकवाद एक समाजिक मुद्दा बन चुका है। हमारा देश भारत भी इन आतंकवादियों के घेरे में हमेशा से रहा है, यह लोग क्यों नहीं सोचते कि हमारी मानव जाति को इससे कितना नुक्सान हो रहा है। आज हम इसी आतंकवाद जैसी समस्या का वर्णन करने हेतु, Poem on Stop Terrorism in Hindi आपसे शेयर करते है।
आतंकवाद रोको पर कविताएँ | Poem on Stop Terrorism in Hindi
Poem on Terrorism in Hindi |
Poem on Stop Terrorism in Hindi
आतंकवाद को मिटाना होगा
हर घर में दीप जलाना होगा,
आतंकवाद के अँधेरे को मिटाना होगा।
'अ' से अमरुद, 'च' से चरखा छोड़,
'अ' से अमन, 'च' से चैन पढ़ाना होगा।
मेरी धरती, मेरा देश छोड़,
हमारी धरती, हमारा देश सिखाना होगा।
हर एक देश के नागरिक को अब,
देश का पहरेदार बनाना होगा।
धरती माँ की छाती से,
'आतंकवाद' शब्द को मिटाना होगा।
हर घर में दीप जलाना होगा,
आतंकवाद के अँधेरे को मिटाना होगा।
आतंकवाद के अँधेरे को मिटाना होगा।
'अ' से अमरुद, 'च' से चरखा छोड़,
'अ' से अमन, 'च' से चैन पढ़ाना होगा।
मेरी धरती, मेरा देश छोड़,
हमारी धरती, हमारा देश सिखाना होगा।
हर एक देश के नागरिक को अब,
देश का पहरेदार बनाना होगा।
धरती माँ की छाती से,
'आतंकवाद' शब्द को मिटाना होगा।
हर घर में दीप जलाना होगा,
आतंकवाद के अँधेरे को मिटाना होगा।
Written by- Nidhi Agarwal
आज आतंकवाद विश्व के तमाम देशों में अपना पैर पसार चुका है। तमाम देश आतंकवाद जैसी समस्या से झूझ रहे है। यह मानव जाति के लिये दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है। आज मनुष्य ही मनुष्य को नुकसान पहुँचाने में लगा हुआ है। जो लोग हिंसात्मक तरिके से आम लोगों को नुकसान पहुँचाता है, उन्हें आतंकवादी कहते है। काश इन आतंकवादियों को मानवता का दर्द समझ में आता, तो आज ये लोग यूँ क़त्ले-आम न करते। यह आतंकवादी अपनी गैर-कानूनी गतिविधियों से एक देश के सामाजिक व राजनैतिक सिस्टम को तहस-नहस कर देते है। आज हम आपके समक्ष आतंकवाद पर कविता मिटाओं आतंकवाद के धब्बे को शेयर करते है।
मिटाओं आतंकवाद के धब्बे को
उठो ऐ देश के नौजवानों
कब तक यूँ आतंक के साये में जीते रहेंगे,
धरती माँ के अपमान के घूँट पीते रहेंगे।
उठो ऐ देश के नौजवानों,
धरती माँ की इज्जत की कमान सँभालो।
रंज से नही बदलेगा सब कुछ,
रण भूमि में आना होगा।
मिला जो कर्तब्य
उसको पूरा कर निभाना होगा।
आतंकवाद से इस धरा को बचाना होगा।
इस द्वेष और धर्म की लड़ाई में,
सब को इंसान बनाना होगा।
आतंकवाद जैसे घिनौने शब्द को,
इस धरा से मिटाना होगा।
नापाक इरादों को तेरे ख़ाक कर देंगे,
उठे जो कदम मेरी देश की मिट्टी पर,
तो उन कदमों को हम राख कर देंगे।
आज आतंकवाद विश्व के तमाम देशों में अपना पैर पसार चुका है। तमाम देश आतंकवाद जैसी समस्या से झूझ रहे है। यह मानव जाति के लिये दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है। आज मनुष्य ही मनुष्य को नुकसान पहुँचाने में लगा हुआ है। जो लोग हिंसात्मक तरिके से आम लोगों को नुकसान पहुँचाता है, उन्हें आतंकवादी कहते है। काश इन आतंकवादियों को मानवता का दर्द समझ में आता, तो आज ये लोग यूँ क़त्ले-आम न करते। यह आतंकवादी अपनी गैर-कानूनी गतिविधियों से एक देश के सामाजिक व राजनैतिक सिस्टम को तहस-नहस कर देते है। आज हम आपके समक्ष आतंकवाद पर कविता मिटाओं आतंकवाद के धब्बे को शेयर करते है।
आतंकवाद रोको पर कविताएँ
मिटाओं आतंकवाद के धब्बे को
छोड़ जिहाद की लड़ाई,
इंसान बनो तुम।
यूँ कत्ले आम करके,
न हैवान बनो तुम।
ख़ुदा के बंदे हो तुम,
नेक काम करो तुम।
यूँ आतंकवाद की दहशत से,
खुद को बदनाम न करो तुम।
जियो चैन से तुम भी,
नींद सबकी न हराम करो तुम।
अमन-चैन की इस धरती पर,
न संग्राम करो तुम।
मिटा आतंकवाद के धब्बे को,
कुछ नाम करो तुम।
इंसान बनो तुम।
यूँ कत्ले आम करके,
न हैवान बनो तुम।
ख़ुदा के बंदे हो तुम,
नेक काम करो तुम।
यूँ आतंकवाद की दहशत से,
खुद को बदनाम न करो तुम।
जियो चैन से तुम भी,
नींद सबकी न हराम करो तुम।
अमन-चैन की इस धरती पर,
न संग्राम करो तुम।
मिटा आतंकवाद के धब्बे को,
कुछ नाम करो तुम।
Written by- Nidhi Agarwal
हमें आतंकवाद जैसी समस्या का निदान करना होगा और इस समस्या का समाधान केवल अच्छी शिक्षा के माध्यम से पूर्ण हो सकता है। हम सबको अच्छी शिक्षा या यूँ कह लीजिये हम सबको पूर्ण जागरूकता की आवश्यकता है। अनुकूल शिक्षा मिलने पर मनुष्य की सोच बदलेगी, उसकी सोचने समझने की शक्ति में बदलाव आएगा और वो फिर सही मार्ग अपनाएगा। शिक्षित व्यक्ति अपना और दूसरों का भला-बुरा भली-भाँति जानता है, उसको गलत शिक्षा देकर बहलाया नहीं जा सकता। यह बदलाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होना बहुत जरूरी है। आतंकवाद जैसी समस्या से निपटने के लिए दुनिया भर के देशों को एक-जुट होकर काम करना होगा, इसका सामना करना होगा, तबही कुछ संभव हो सकेगा। हर देश के नौजवानों को सोचना-समझना होगा कि क्या गलत है और क्या सही। उनको मानवता के बारे में सही शिक्षा देनी होगी, ताकि उनमें आतंकवाद जैसी गलत धारणा न पनप सके।
आज हम अपनी कविता के माध्यम से देश के नौजवानों को समझाना चाहते है, उनको एक छोटी सी सीख देना चाहते है। एक कविता आतंकवाद रोको पर कविताओं के संग्रह में से हमारे देश के नौजवानों के लिए आपसे शेयर करते है।
हमें आतंकवाद जैसी समस्या का निदान करना होगा और इस समस्या का समाधान केवल अच्छी शिक्षा के माध्यम से पूर्ण हो सकता है। हम सबको अच्छी शिक्षा या यूँ कह लीजिये हम सबको पूर्ण जागरूकता की आवश्यकता है। अनुकूल शिक्षा मिलने पर मनुष्य की सोच बदलेगी, उसकी सोचने समझने की शक्ति में बदलाव आएगा और वो फिर सही मार्ग अपनाएगा। शिक्षित व्यक्ति अपना और दूसरों का भला-बुरा भली-भाँति जानता है, उसको गलत शिक्षा देकर बहलाया नहीं जा सकता। यह बदलाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होना बहुत जरूरी है। आतंकवाद जैसी समस्या से निपटने के लिए दुनिया भर के देशों को एक-जुट होकर काम करना होगा, इसका सामना करना होगा, तबही कुछ संभव हो सकेगा। हर देश के नौजवानों को सोचना-समझना होगा कि क्या गलत है और क्या सही। उनको मानवता के बारे में सही शिक्षा देनी होगी, ताकि उनमें आतंकवाद जैसी गलत धारणा न पनप सके।
आज हम अपनी कविता के माध्यम से देश के नौजवानों को समझाना चाहते है, उनको एक छोटी सी सीख देना चाहते है। एक कविता आतंकवाद रोको पर कविताओं के संग्रह में से हमारे देश के नौजवानों के लिए आपसे शेयर करते है।
Terrorism Par Kavita | Aatankwaad Par Kavita
उठो ऐ देश के नौजवानों
कब तक यूँ आतंक के साये में जीते रहेंगे,
धरती माँ के अपमान के घूँट पीते रहेंगे।
उठो ऐ देश के नौजवानों,
धरती माँ की इज्जत की कमान सँभालो।
रंज से नही बदलेगा सब कुछ,
रण भूमि में आना होगा।
मिला जो कर्तब्य
उसको पूरा कर निभाना होगा।
आतंकवाद से इस धरा को बचाना होगा।
इस द्वेष और धर्म की लड़ाई में,
सब को इंसान बनाना होगा।
आतंकवाद जैसे घिनौने शब्द को,
इस धरा से मिटाना होगा।
नापाक इरादों को तेरे ख़ाक कर देंगे,
उठे जो कदम मेरी देश की मिट्टी पर,
तो उन कदमों को हम राख कर देंगे।
Written by- Nidhi Agarwal
सोचने की बात तो ये है, कि इन आतंकवादियों को कहा से बढ़ावा मिल रहा है। इनको बढ़ावा हम ही में से कोई एक देता है, क्यों करते है वो लोग ऐसा जो इन आतंकवादियों को सहारा देता है। आय दिन हम टेरर फंडिंग की ख़बर सुनते रहते है। इस आतंकवाद जैसी भयावाह गतिविधियों को रोकने के लिए सबसे पहले हम लोगों को ही जागरूक होना पड़ेगा, जिससे इनको आतंकवाद फैलाने का सहारा न मिल सके। हम लोगों को ही मानव जाति के प्रति संवेदनशील होना होगा, तभी इस आतंकवाद जैसी बिमारी का इलाज़ हो पाएगा।
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EDITED BY- Somil Agarwal
VEry inspiring lines chachi
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