ईश्वर ने हरयाली की छटा बिखेरते हुए, पेड़ और पौधों के साथ-साथ, एक सबसे सुन्दर और कोमल चीज़ बनाई है, वो है 'फूल'। दुनिया में सबसे सुन्दर और कोमल फूल ही तो होते है। यह अपनी सुगंध से हम सबका मन मोह लेते है। हमारी प्रकृति रुपी माँ को सजाने में इन्हीं फूलों का ही तो योगदान है। हरे-भरे लिबास से सजी यह प्रकृति और ऊपर से रंग-बिरंगे फूलों से श्रृंगार किए, हम सभी का मन मोह लेती है। यह प्रकृति न केवल हम सबका मन मोह लेती है, बल्कि एक कवि भी अपनी कलम से इस प्रकृति का चित्रांकन करते नही थकता। यह पुष्प ही तोह है, जो हम सबके मन को आकर्षित कर जाते है।
ज़रा सोचा है अपने, यदि इस दुनिया में फूल न होते तो क्या होता। मन को मोह लेने वाली अनेक प्रकार की खुशबुओं का मानों नाम-ओ-निशान ही न होता। इन फूलों से हमारी कुछ विशिष्ट भावनाएँ भी जुड़ी है, जैसे गुलाब का फूल प्रेम का प्रतीक होता है, ऐसे कई अन्य फूल और भी है जिनसे हमारी भावनाएँ जुड़ी होती है। फूलों का अद्भुत वर्णन करने हेतु, आज हम आपके समक्ष लेकर उपस्थित हुए है कुछ फूलों पर कविताएँ Poem on Flowers in Hindi, आपसे शेयर करते है।
फूल
फैलाकर अपनी सुगंध,
महकाता तन मन को,
रंग-बिरंगी दुनिया से अपनी,
सजाता उपवन को।
टूट जाये डाली से फिर भी,
न शोक मनाता जीवन में,
बन श्रंगार हर्ष से वह,
नही इठलाता एकपल को।
कभी हृदय की शोभा बनता,
कभी चरणों में शीश नवाता वो,
हर्ष सहित स्वीकार कर दायित्व,
निभाता अपने कर्तव्यों को।
क्षणिक जीवन है फिर भी उसका
व्यर्थ नही गवाता वो।
देकर अपना सर्वस्य वह,
करता सफल लघु जीवन को।
फैलाकर अपनी सुगंध,
महकाता तन मन को,
रंग-बिरंगी दुनिया से अपनी,
सजाता उपवन को।
रंग-बिरंगे फूल
प्रकृति के रंग तो देखो,
कितने अजब निराले है।
रंग-रंग के फूलों से देखो,
रंगीन इसके नज़ारे हैं।
फूलों के राजा गुलाब की,
अपनी शान निराली है।
उसकी शोभा से तो देखो,
मुस्काती डाली-डाली है।
हरसिंगार की खुश्बू से महका,
उपवन का कोना-कोना है।
जैसे प्रकृति ने बिछा दिया धरा पर,
सितारों का एक बिछौना है।
सूरजमुखी के मुख की देखो,
अजब छटा निराली है।
जैसे सूरज ने धरती पर आकर,
अपनी आभा बिखरा दी है।
बेला और चमेली की नन्ही कलियों ने भी,
अपनी नन्ही आंखों को खोला है।
फैलाकर ख़ुशबू अपनी,
सबके मन को मोहा है।
रंग-बिरंगे रंगों के फूलों से,
प्रकृति भी हुई मतवाली है।
फैलाकर चादर उसने भी हरियाली की,
धरती की सुंदरता बढ़ा दी है।
पुष्प सदा मुस्कुराते है
रहकर काटों के मध्य भी,
न कभी शोक मनाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुराते हैं।
सपने सजाने औरों के,
खुद ही बिखर जाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
अपनी सुगन्ध से सबको महकाने वाले,
सबका मन हर्षातें है,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
प्रकृति में रंग बिखेर कर,
इसे इंद्रधनुष सा सजाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
जीवन में खुशियाँ का स्वागत करने,
सर्वप्रथम पग बढ़ातें है,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
कमल पुष्प पर कविता
खिलकर पंक में भी,
हूँ पवित्र अमृत सा।
भाव तृष्णा का न चखा,
रहकर जल से मैं भरा।
घिर कर तूफानों और आँधियों से भी,
रहा हरदम मैं डिगा।
न डरा धाराओं से ऊँची,
रहा अपने पथ पर मैं अड़ा।
कितनी आशाओं के समेटे,
उनके जीवन का सूर्य बना।
करके इतनी कठिन तपस्या,
तब कही जाकर मैं 'कमल पुष्प' बना।
दोस्तों, हमने फूलों पर कविताओं के माध्यम से आपको, फूलों की विशेषता को दर्शाने का प्रयत्न करा है। हमें आशा है कि आपको यह कविताएँ अवश्य पसंद आयी होंगी। हमारे जीवन में फूलों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारी भावनाओं का वाहक है। कुछ विशिष्ट भावनाएँ और अर्थ हैं, जो कि विशेष प्रकार के फूलों से जुड़ा हुआ है, चाहें किसी को अपना दुःख व्यक्त करना हो या किसी को अपनी खुशी ज़ाहिर करनी हो, हमें अलग-अलग भावनाओं के लिए कई प्रकार के फूलों की जरूरत पड़ती है। हमारी प्रकृति माँ भी इन्हीं फूलों से श्रृंगार कर रंग-बिरंगी सी लगती है और हमारे मन को मोह लेती है। आपको यह विषय Poem on Flowers in Hindi कैसा लगा, हमें जरूर बताएं।
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ज़रा सोचा है अपने, यदि इस दुनिया में फूल न होते तो क्या होता। मन को मोह लेने वाली अनेक प्रकार की खुशबुओं का मानों नाम-ओ-निशान ही न होता। इन फूलों से हमारी कुछ विशिष्ट भावनाएँ भी जुड़ी है, जैसे गुलाब का फूल प्रेम का प्रतीक होता है, ऐसे कई अन्य फूल और भी है जिनसे हमारी भावनाएँ जुड़ी होती है। फूलों का अद्भुत वर्णन करने हेतु, आज हम आपके समक्ष लेकर उपस्थित हुए है कुछ फूलों पर कविताएँ Poem on Flowers in Hindi, आपसे शेयर करते है।
फूलों पर कविताएँ | Poem on Flowers in Hindi
Poem on Flowers in Hindi |
Poem on Flowers in Hindi
फूल
फैलाकर अपनी सुगंध,
महकाता तन मन को,
रंग-बिरंगी दुनिया से अपनी,
सजाता उपवन को।
टूट जाये डाली से फिर भी,
न शोक मनाता जीवन में,
बन श्रंगार हर्ष से वह,
नही इठलाता एकपल को।
कभी हृदय की शोभा बनता,
कभी चरणों में शीश नवाता वो,
हर्ष सहित स्वीकार कर दायित्व,
निभाता अपने कर्तव्यों को।
क्षणिक जीवन है फिर भी उसका
व्यर्थ नही गवाता वो।
देकर अपना सर्वस्य वह,
करता सफल लघु जीवन को।
फैलाकर अपनी सुगंध,
महकाता तन मन को,
रंग-बिरंगी दुनिया से अपनी,
सजाता उपवन को।
- निधि अग्रवाल
फूलों पर कविताएँ
पुष्प की अभिलाषा
नन्हा सा फूल हूँ मैं,
मेरे जीवन की यही परिभाषा है।
वीरों के पथ पर बिछ जाऊ,
बस इतनी सी अभिलाषा है।
नही चाह गहने में गूँथा जाऊ,
बन सुंदरता नारी की,
स्वयं पर मैं न इठलाऊँ।
छूकर उन पावन चरणों को बस,
उनकी चरण रज बन जाऊं,
बस इतनी सी आशा है।
नन्हा सा फूल हूँ मैं बस,
मेरी जीवन की छोटी सी परिभाषा है।
वीरों की वीर गाथाएँ गाउँ
उनकी वेदी पर चढ़ जाऊ,
लघु से अपने जीवन को,
सद कर्मो से सफल बनाऊं।
महक उठे जिससे धरती माँ का आँचल,
मेरे जीवन की यही जिज्ञासा है,
जीवन सफल समर्पित हो,
मेरे जीवन की यही अभिलाषा है।
नन्हा सा फूल हूँ मैं
मेरे जीवन की यही परिभाषा है।
वीरों के पथ पर सज जाऊ,
बस इतनी सी अभिलाषा है।
मेरे जीवन की यही परिभाषा है।
वीरों के पथ पर बिछ जाऊ,
बस इतनी सी अभिलाषा है।
नही चाह गहने में गूँथा जाऊ,
बन सुंदरता नारी की,
स्वयं पर मैं न इठलाऊँ।
छूकर उन पावन चरणों को बस,
उनकी चरण रज बन जाऊं,
बस इतनी सी आशा है।
नन्हा सा फूल हूँ मैं बस,
मेरी जीवन की छोटी सी परिभाषा है।
वीरों की वीर गाथाएँ गाउँ
उनकी वेदी पर चढ़ जाऊ,
लघु से अपने जीवन को,
सद कर्मो से सफल बनाऊं।
महक उठे जिससे धरती माँ का आँचल,
मेरे जीवन की यही जिज्ञासा है,
जीवन सफल समर्पित हो,
मेरे जीवन की यही अभिलाषा है।
नन्हा सा फूल हूँ मैं
मेरे जीवन की यही परिभाषा है।
वीरों के पथ पर सज जाऊ,
बस इतनी सी अभिलाषा है।
- निधि अग्रवाल
Phoolon Par Kavita in Hindi
रंग-बिरंगे फूल
प्रकृति के रंग तो देखो,
कितने अजब निराले है।
रंग-रंग के फूलों से देखो,
रंगीन इसके नज़ारे हैं।
फूलों के राजा गुलाब की,
अपनी शान निराली है।
उसकी शोभा से तो देखो,
मुस्काती डाली-डाली है।
हरसिंगार की खुश्बू से महका,
उपवन का कोना-कोना है।
जैसे प्रकृति ने बिछा दिया धरा पर,
सितारों का एक बिछौना है।
सूरजमुखी के मुख की देखो,
अजब छटा निराली है।
जैसे सूरज ने धरती पर आकर,
अपनी आभा बिखरा दी है।
बेला और चमेली की नन्ही कलियों ने भी,
अपनी नन्ही आंखों को खोला है।
फैलाकर ख़ुशबू अपनी,
सबके मन को मोहा है।
रंग-बिरंगे रंगों के फूलों से,
प्रकृति भी हुई मतवाली है।
फैलाकर चादर उसने भी हरियाली की,
धरती की सुंदरता बढ़ा दी है।
- निधि अग्रवाल
Phool Par Kavita | फूल पर कविता
पुष्प सदा मुस्कुराते है
रहकर काटों के मध्य भी,
न कभी शोक मनाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुराते हैं।
सपने सजाने औरों के,
खुद ही बिखर जाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
अपनी सुगन्ध से सबको महकाने वाले,
सबका मन हर्षातें है,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
प्रकृति में रंग बिखेर कर,
इसे इंद्रधनुष सा सजाते हैं,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
जीवन में खुशियाँ का स्वागत करने,
सर्वप्रथम पग बढ़ातें है,
पुष्प सदा मुस्कुरातें है।
- निधि अग्रवाल
Flowers Par Kavita
खिलकर पंक में भी,
हूँ पवित्र अमृत सा।
भाव तृष्णा का न चखा,
रहकर जल से मैं भरा।
घिर कर तूफानों और आँधियों से भी,
रहा हरदम मैं डिगा।
न डरा धाराओं से ऊँची,
रहा अपने पथ पर मैं अड़ा।
कितनी आशाओं के समेटे,
उनके जीवन का सूर्य बना।
करके इतनी कठिन तपस्या,
तब कही जाकर मैं 'कमल पुष्प' बना।
- निधि अग्रवाल
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दोस्तों, हमने फूलों पर कविताओं के माध्यम से आपको, फूलों की विशेषता को दर्शाने का प्रयत्न करा है। हमें आशा है कि आपको यह कविताएँ अवश्य पसंद आयी होंगी। हमारे जीवन में फूलों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारी भावनाओं का वाहक है। कुछ विशिष्ट भावनाएँ और अर्थ हैं, जो कि विशेष प्रकार के फूलों से जुड़ा हुआ है, चाहें किसी को अपना दुःख व्यक्त करना हो या किसी को अपनी खुशी ज़ाहिर करनी हो, हमें अलग-अलग भावनाओं के लिए कई प्रकार के फूलों की जरूरत पड़ती है। हमारी प्रकृति माँ भी इन्हीं फूलों से श्रृंगार कर रंग-बिरंगी सी लगती है और हमारे मन को मोह लेती है। आपको यह विषय Poem on Flowers in Hindi कैसा लगा, हमें जरूर बताएं।
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EDITED BY- Somil Agarwal
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