हमारे देश के शहीद जवानों को शत-शत नमन जिन्होंने अपने देश के ख़ातिर अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया और वीरगति को प्राप्त हुए। हमारे प्यारे भारत देश की उन माताओं को भी शत-शत नमन जिन्होंने ऐसे पुत्र व पुत्रियों को जन्म दिया जिसने अपने देश के ख़ातिर सब कुछ लुटा दिया।
ये शहीद जवान ही तो है जिनकी वजह से आज पूरा भारत आज़ादी की राह पकड़े आगे बढ़ रहा है और हम सब भारत वासी आज चैन की सांस ले पा रहे है। अनेक शहीद जवान जिनके हाँथ हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए उठे हो उनको मेरा शत-शत नमन। आज हम शहीद जवानों की अमर गाथाओं को याद कर कुछ पंक्तियाँ शहीदों पर कविताओं के माध्यम से आपके समक्ष शेयर करते है।
ऐ वीर !
अमर रहेगी ऐ वीरों,
तुम्हारी अमर कहानी।
युगों युगों तक गूँजती रहेगी,
तुम्हारी वीर गाथा ऐ वीर! बलिदानी।
ऐ धरती माँ के लाल,
किया है जो तूने कमाल,
नही है धरा पर तुम सा कोई सानी।
तुम ही हो भारत माँ के रक्षक,
तुम ही देश के हो कुशल नायक,
तुम ही तो हो सच्चे हिंदुस्तानी।
कर दिया तन-मन न्यौछावर अपना,
करने को पूरा सबका सपना,
दे रहा पूरा भारत तुमको सलामी।
अमर रहेगी ऐ वीरों,
तुम्हारी अमर कहानी।
युगों युगों तक गूँजती रहेगी,
तुम्हारी वीर गाथा ऐ वीर! बलिदानी।
धरती माँ के लाल
खुद सोकर काँटों पर,
हमें चैन की नींद सुलाते है।
देकर हमको आजादी के स्वप्न,
खुद को भूल जाते हैं।
रिश्ते और नातों से,
उनका कोई मेल नही।
वो तो बस धरती माँ के लाल कहाते है।
न उनकी कोई होली,
न उनकी कोई दीवाली है,
वो तो बस भारत माँ की आज़ादी का त्यौहार मनाते है।
न उनको कोई अभिमान है,
बस अपनी धरा पर मान है।
गौरव है वो स्वयं देश के, इसकी शान कहाते है।
न्यौछावर करने को अपना तन और मन,
रहते है त्तपर हरदम,
तभी वो वीर पुत्र कहलाते है।
तिरंगा है उनकी शान,
रखते है जिसका वो हरदम मान।
कफ़न भी उनका तिरंगा है,
तभी तो वो शहीद कहाते हैं।
हिंदुस्तान का गुलशन
हिंदुस्तान के गुलशन के,
कितने सुंदर फूल थे वो।
अपनी धुन में दीवानें,
भारत माँ की रक्षा में,
थे हरदम मस्तूल वो।
जिनसे रौशन था ये हिंदुस्तान,
थे भारत के वो स्वाभिमान,
थे वे सूरज, चाँद और नेक सितारे,
जिनसे रौशन था जग सारा।
भले ही आतंक की आँधी ने,
गुलशन को झकझोर दिया हो।
रौशन से चाँद सितारों को,
आतंक की कालिख ने झेप लिया हो।
पर उम्मीदों का गुलशन,
कभी नही मरा करता है,
अंधकार की कालिख से,
सूरज नही डरा करता है।
फिर से महकेगा,
फिर से चमकेगा,
शहीद हुआ जो धरती माँ के लिए,
अमर गुलशन का वो गुल हमेशा महकेगा।
बनकर सूरज वो डटा रहेगा,
हर हिंदुस्तानी के दिलों के आसमान में,
हर दम वो चमकेगा।
वीरों की कुर्बानी
वीर शहीदों की कुर्बानी,
कभी नही जाएगी खाली।
उनकी एक एक बूंद से सींची ये धरती,
उगायेगी धरा पर अमन चैन की खुशहाली।
देश की रक्षा के खातिर,
कर गए न्यौछावर जो अपनी जान।
गाएँगे सब उनकी गाथाएँ अपनी जुबानी।
भारत माँ के वो लाल,
मिटकर भी दिखलाया है जिन्होंने,
युद्ध के मैदान में अपना क़माल।
हो जाएगी उनकी वीरता की,
अमर वो कहानी।
भला मिट्टी में मिल गए है वो,
पर हिंदुस्तान के सीने में,
गुल बनकर खिल गए है वो।
जिनकी ख़ुशबू का कर्जदार है,
हर एक हिंदुस्तानी,
अमर थे वो, अमर है,
और अमर रहेगें वो वीर बलिदानी।
नही जाएगी कभी कहीं खाली,
उन वीरों की कुर्बानी।
हमें आशा है कि आप सभी पाठकों को यह Poems on Martyrs in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। यह कविताएँ बहुत ही सरल भाषा व वाक्यों सहित लिखी गयी है जिससे कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को व हमारे अन्य पाठकों को कोई भी भाषा के सन्दर्भ में कठिनाई न होने पाए। हमारे वीर सैनिक अपने देश के लिए जो काम कर रहे है या जो काम करके वीरगति को प्राप्त हुए है, उनका देश के प्रति अनूठा कर्म काबिल-ऐ-तारीफ़ है।
ये शहीद जवान ही तो है जिनकी वजह से आज पूरा भारत आज़ादी की राह पकड़े आगे बढ़ रहा है और हम सब भारत वासी आज चैन की सांस ले पा रहे है। अनेक शहीद जवान जिनके हाँथ हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए उठे हो उनको मेरा शत-शत नमन। आज हम शहीद जवानों की अमर गाथाओं को याद कर कुछ पंक्तियाँ शहीदों पर कविताओं के माध्यम से आपके समक्ष शेयर करते है।
शहीदों पर कविताएँ | Poems on Martyrs in Hindi
Poems on Martyrs in Hindi |
Poems on Martyrs in Hindi
ऐ वीर !
अमर रहेगी ऐ वीरों,
तुम्हारी अमर कहानी।
युगों युगों तक गूँजती रहेगी,
तुम्हारी वीर गाथा ऐ वीर! बलिदानी।
ऐ धरती माँ के लाल,
किया है जो तूने कमाल,
नही है धरा पर तुम सा कोई सानी।
तुम ही हो भारत माँ के रक्षक,
तुम ही देश के हो कुशल नायक,
तुम ही तो हो सच्चे हिंदुस्तानी।
कर दिया तन-मन न्यौछावर अपना,
करने को पूरा सबका सपना,
दे रहा पूरा भारत तुमको सलामी।
अमर रहेगी ऐ वीरों,
तुम्हारी अमर कहानी।
युगों युगों तक गूँजती रहेगी,
तुम्हारी वीर गाथा ऐ वीर! बलिदानी।
- निधि अग्रवाल
Shaheedon Par Kavita | शहीदों पर कविता
धरती माँ के लाल
खुद सोकर काँटों पर,
हमें चैन की नींद सुलाते है।
देकर हमको आजादी के स्वप्न,
खुद को भूल जाते हैं।
रिश्ते और नातों से,
उनका कोई मेल नही।
वो तो बस धरती माँ के लाल कहाते है।
न उनकी कोई होली,
न उनकी कोई दीवाली है,
वो तो बस भारत माँ की आज़ादी का त्यौहार मनाते है।
न उनको कोई अभिमान है,
बस अपनी धरा पर मान है।
गौरव है वो स्वयं देश के, इसकी शान कहाते है।
न्यौछावर करने को अपना तन और मन,
रहते है त्तपर हरदम,
तभी वो वीर पुत्र कहलाते है।
तिरंगा है उनकी शान,
रखते है जिसका वो हरदम मान।
कफ़न भी उनका तिरंगा है,
तभी तो वो शहीद कहाते हैं।
- निधि अग्रवाल
शहीद दिवस पर कविता
हिंदुस्तान का गुलशन
हिंदुस्तान के गुलशन के,
कितने सुंदर फूल थे वो।
अपनी धुन में दीवानें,
भारत माँ की रक्षा में,
थे हरदम मस्तूल वो।
जिनसे रौशन था ये हिंदुस्तान,
थे भारत के वो स्वाभिमान,
थे वे सूरज, चाँद और नेक सितारे,
जिनसे रौशन था जग सारा।
भले ही आतंक की आँधी ने,
गुलशन को झकझोर दिया हो।
रौशन से चाँद सितारों को,
आतंक की कालिख ने झेप लिया हो।
पर उम्मीदों का गुलशन,
कभी नही मरा करता है,
अंधकार की कालिख से,
सूरज नही डरा करता है।
फिर से महकेगा,
फिर से चमकेगा,
शहीद हुआ जो धरती माँ के लिए,
अमर गुलशन का वो गुल हमेशा महकेगा।
बनकर सूरज वो डटा रहेगा,
हर हिंदुस्तानी के दिलों के आसमान में,
हर दम वो चमकेगा।
- निधि अग्रवाल
Martyrs Par Kavita Hindi Mein
वीरों की कुर्बानी
वीर शहीदों की कुर्बानी,
कभी नही जाएगी खाली।
उनकी एक एक बूंद से सींची ये धरती,
उगायेगी धरा पर अमन चैन की खुशहाली।
देश की रक्षा के खातिर,
कर गए न्यौछावर जो अपनी जान।
गाएँगे सब उनकी गाथाएँ अपनी जुबानी।
भारत माँ के वो लाल,
मिटकर भी दिखलाया है जिन्होंने,
युद्ध के मैदान में अपना क़माल।
हो जाएगी उनकी वीरता की,
अमर वो कहानी।
भला मिट्टी में मिल गए है वो,
पर हिंदुस्तान के सीने में,
गुल बनकर खिल गए है वो।
जिनकी ख़ुशबू का कर्जदार है,
हर एक हिंदुस्तानी,
अमर थे वो, अमर है,
और अमर रहेगें वो वीर बलिदानी।
नही जाएगी कभी कहीं खाली,
उन वीरों की कुर्बानी।
- निधि अग्रवाल
हमें आशा है कि आप सभी पाठकों को यह Poems on Martyrs in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। यह कविताएँ बहुत ही सरल भाषा व वाक्यों सहित लिखी गयी है जिससे कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को व हमारे अन्य पाठकों को कोई भी भाषा के सन्दर्भ में कठिनाई न होने पाए। हमारे वीर सैनिक अपने देश के लिए जो काम कर रहे है या जो काम करके वीरगति को प्राप्त हुए है, उनका देश के प्रति अनूठा कर्म काबिल-ऐ-तारीफ़ है।
EDITED BY- सोमिल अग्रवाल
🇨🇮🙏💖
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