वो कहते है कि अगर प्रातःकाल हमारे साथ कुछ अच्छा हो जाये, तो सारा दिन अच्छा गुज़रता है, यही सोचते हुए हम आपके समक्ष, कुछ प्रातःकाल से संबंधित कविताएँ शेयर करते है, इन कविताओं में प्रातः की सुंदरता, सूर्योदय के समय का अदभुत नज़ारा, चिड़ियों की चहचहाहट का अदभुत रूप से वर्णन किया गया है। यह कविताएँ आपके लिए प्रेरणास्रोत बनेगी जिससे आपको निराशा से निकलने की शक्ति मिलेगी, यह हमारे मन को प्रसन्नचित कर सकारात्मक ऊर्जा देगी जिससे आप सारा दिन क्रियाशील रह सके।
प्रकृति के विषय को समझने के लिए, इन कविताओं को आसान भाषा में लिखा गया है। इससे हमारे केजी से लेकर कक्षा 10 तक के बच्चों और विद्यार्थियों की शिक्षा में रचनात्मकता आयेगी। प्रातः का सौंदर्य कविताओं के माध्यम से हमने बच्चों को और युवाओं को समझाने का प्रयत्न करा है, ताकि वे भी अपने निजी जीवन से निकल, प्रकृति की सुंदरता को समझे। प्रातः का सौंदर्य पर कविताएँ Poem on Morning Beauty in Hindi आपके समक्ष प्रस्तुत है।
प्रकृति के विषय को समझने के लिए, इन कविताओं को आसान भाषा में लिखा गया है। इससे हमारे केजी से लेकर कक्षा 10 तक के बच्चों और विद्यार्थियों की शिक्षा में रचनात्मकता आयेगी। प्रातः का सौंदर्य कविताओं के माध्यम से हमने बच्चों को और युवाओं को समझाने का प्रयत्न करा है, ताकि वे भी अपने निजी जीवन से निकल, प्रकृति की सुंदरता को समझे। प्रातः का सौंदर्य पर कविताएँ Poem on Morning Beauty in Hindi आपके समक्ष प्रस्तुत है।
प्रातः का सौंदर्य पर कविताएँ | Poem on Morning Beauty in Hindi
Poem on Morning Beauty in Hindi |
Poem on Morning Beauty in Hindi
प्रातः का सौंदर्य
कितना अद्भुत है,
वह असीम दृश्य।
जिसमें है सूर्य से प्रकाशित,
प्रकृति का अनुपम सौंदर्य।
निशा के अंधेरे को चीरती,
प्रातः की वह पहली किरण।
और निर्मल, शुद्ध बहते हुए,
प्रवात का आवरण।
कोयल की कूक और चिड़ियों,
की चहचहाट से गुंजायमान,
ये संगीतमय वातावरण।
हृदय के तारों को झंकृत करती,
कितनी मनोरम है ये प्रकृति,
और प्रातः का सौंदर्य।
वह असीम दृश्य।
जिसमें है सूर्य से प्रकाशित,
प्रकृति का अनुपम सौंदर्य।
निशा के अंधेरे को चीरती,
प्रातः की वह पहली किरण।
और निर्मल, शुद्ध बहते हुए,
प्रवात का आवरण।
कोयल की कूक और चिड़ियों,
की चहचहाट से गुंजायमान,
ये संगीतमय वातावरण।
हृदय के तारों को झंकृत करती,
कितनी मनोरम है ये प्रकृति,
और प्रातः का सौंदर्य।
-Nidhi Agarwal
कुदरत हमारी सबसे अच्छी साथी होती है, और हमें इस धरती पर जीवन जीने की कला सिखाती है। इस प्रकृति ने हम सबको बहुत कुछ दिया। प्रकृति का सुन्दर दृश्य प्रातः के समय अनोखा होता है, चारों तरफ कलरव करते पंछियों की चहचहाहट, वो मंद-मंद सा धूप का एहसास, वो शुद्ध हवा का बहना, वो नीले अंबर में छटा बिखेरता सूरज, हमारे मन को बहुत लुभाता है। हमारे सबसे आस-पास सुन्दर और आकर्षक प्रकृति ही है, जो हमें खुश रखती है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक प्राकृतिक पर्यावरण उपलब्ध कराती है। यह प्रकृति का सौंदर्य दृश्य अक्सर कवियों के मन को भी लुभाता है। हम भी आपके समक्ष इस प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाते हेतु, अपनी प्रातः का सौंदर्य पर कविताओं के माध्यम से अद्भुत वर्णन करते है।
Morning Beauty Par Kavita
सौंदर्य प्रकृति का
कलरव करते पंक्षी नभ में,
मस्त पवन के झोंको में।
रवि ने भी स्वर्ण नैनो को खोला,
पूरब के खटोले से।
मस्त पवन के झोंको ने,
ली जब अंगड़ाइयाँ।
लहराती फसलों ने भी जैसे,
अम्बर का मुख चूम लिया।
प्रातः की सुंदर बेला में,
नव कुसुमों का मन डोल गया।
सहलाकर प्रभात ने जब उनके,
अलसाये नैनों को खोल दिया।
सौंदर्य प्रकृति का खिल उठा,
अद्भुत, प्रियतम दृश्य से।
रवि ने जब अपनी आभा से,
स्वर्ण रश्मि का बिगुल किया।
मस्त पवन के झोंको में।
रवि ने भी स्वर्ण नैनो को खोला,
पूरब के खटोले से।
मस्त पवन के झोंको ने,
ली जब अंगड़ाइयाँ।
लहराती फसलों ने भी जैसे,
अम्बर का मुख चूम लिया।
प्रातः की सुंदर बेला में,
नव कुसुमों का मन डोल गया।
सहलाकर प्रभात ने जब उनके,
अलसाये नैनों को खोल दिया।
सौंदर्य प्रकृति का खिल उठा,
अद्भुत, प्रियतम दृश्य से।
रवि ने जब अपनी आभा से,
स्वर्ण रश्मि का बिगुल किया।
-Nidhi Agarwal
"नई सुबह जब आती है तो हमारे लिए एक नया संदेशा लाती है।" यह हमें बहुत कुछ सिखाती है। दोस्तों, हम अपनी कविता एक नई सुबह के माध्यम से प्रातः के महत्त्व को दर्शाना चाहते है। जिस प्रकार से हम दिनभर अपनी कार्यशैली में व्यस्त रहते है और रात में निद्रा लेकर जब हम प्रातः काल उठते है तो हम खुद को बहुत अच्छा पाते है। यह नया सवेरा हमारे लिए एक नई राह बन कर आता है, ऐसा लगता है मानो यह प्रकृति हमारे सारे दुःख दर्द छीन कर, नई आशा की किरण जाग्रत कर, हमसे नया कर्म करने को प्रेरित कर रही हो। हम आपके समक्ष प्रातः पर कविता शेयर करते है।
एक नई सुबह
नई सुबह जब आए,
अपने संग वो एक नया संदेशा लाए।
भीनी-भीनी ख़ुशबू धरती की,
सबका मन महकाए।
मस्त पवन के झोंकों में पक्षी,
जीवन का राग सुनाए।
पौधों में खिलती नव कलियाँ,
सबके मन को हर्षाये।
फैलाने अपना उजियाला नभ पर,
रवि रोज सवेरे आए,
अंधकार के बाद आता है उजियाला,
ये बात हमें सिखलाए।
आओं उसकी इस सीख को,
हम जीवन में अपने लाए,
अंधकार और अज्ञानता को मन से,
अपने दूर भगाएँ।
प्रातः काल का सुन्दर दृश्य हमें हमेशा से मोहता आ रहा है। चारों तरफ शांति के साथ केवल चिड़ियों की चहचहाहट जैसे मानों ये अपना राग सुना रहे हों। सूरज की पहली किरण का अनुपम रंग जैसे हमें कोई संदेसा दे रहा हो। प्रातः की ठंडी- ठंडी बयार मानों हमें तरो ताज़ा कर रही हो। सचमुच हमारी प्रकृति हमें बहुत सारे दृश्य दिखाती है। यही असीम दृश्य अपने मन में संजोए, हम आपसे साझा करते है एक कविता प्रातः की सुन्दर बेला।
प्रातः की सुंदर बेला
प्रातः की सुंदर बेला में,
करती प्रकृति धरा का श्रृंगार।
रवि से ले स्वर्ण सी चमक,
पहनाती धरती को किरणों का अनुपम हार।
लहराने धरती का आँचल,
देती समीर का उसको उपहार।
खिलती जब नव कुसुमों की कलियाँ,
लेकर मौसम की नई बहार।
सुंदर सी धरा पर आ जाती फिर,
ख़ुशियों की मुस्कान।
सौंदर्य देख धरा की प्रकृति भी,
हो जाती है मंत्र-मुग्ध।
लेकर साँझ का टीका हाथों में,
फिर धरा की वो लेती नज़र उतार।
"नई सुबह जब आती है तो हमारे लिए एक नया संदेशा लाती है।" यह हमें बहुत कुछ सिखाती है। दोस्तों, हम अपनी कविता एक नई सुबह के माध्यम से प्रातः के महत्त्व को दर्शाना चाहते है। जिस प्रकार से हम दिनभर अपनी कार्यशैली में व्यस्त रहते है और रात में निद्रा लेकर जब हम प्रातः काल उठते है तो हम खुद को बहुत अच्छा पाते है। यह नया सवेरा हमारे लिए एक नई राह बन कर आता है, ऐसा लगता है मानो यह प्रकृति हमारे सारे दुःख दर्द छीन कर, नई आशा की किरण जाग्रत कर, हमसे नया कर्म करने को प्रेरित कर रही हो। हम आपके समक्ष प्रातः पर कविता शेयर करते है।
Poem on Morning in Hindi
एक नई सुबह
नई सुबह जब आए,
अपने संग वो एक नया संदेशा लाए।
भीनी-भीनी ख़ुशबू धरती की,
सबका मन महकाए।
मस्त पवन के झोंकों में पक्षी,
जीवन का राग सुनाए।
पौधों में खिलती नव कलियाँ,
सबके मन को हर्षाये।
फैलाने अपना उजियाला नभ पर,
रवि रोज सवेरे आए,
अंधकार के बाद आता है उजियाला,
ये बात हमें सिखलाए।
आओं उसकी इस सीख को,
हम जीवन में अपने लाए,
अंधकार और अज्ञानता को मन से,
अपने दूर भगाएँ।
-Nidhi Agarwal
प्रातः काल का सुन्दर दृश्य हमें हमेशा से मोहता आ रहा है। चारों तरफ शांति के साथ केवल चिड़ियों की चहचहाहट जैसे मानों ये अपना राग सुना रहे हों। सूरज की पहली किरण का अनुपम रंग जैसे हमें कोई संदेसा दे रहा हो। प्रातः की ठंडी- ठंडी बयार मानों हमें तरो ताज़ा कर रही हो। सचमुच हमारी प्रकृति हमें बहुत सारे दृश्य दिखाती है। यही असीम दृश्य अपने मन में संजोए, हम आपसे साझा करते है एक कविता प्रातः की सुन्दर बेला।
Morning Par Kavita | प्रातः पर कविता
प्रातः की सुंदर बेला
प्रातः की सुंदर बेला में,
करती प्रकृति धरा का श्रृंगार।
रवि से ले स्वर्ण सी चमक,
पहनाती धरती को किरणों का अनुपम हार।
लहराने धरती का आँचल,
देती समीर का उसको उपहार।
खिलती जब नव कुसुमों की कलियाँ,
लेकर मौसम की नई बहार।
सुंदर सी धरा पर आ जाती फिर,
ख़ुशियों की मुस्कान।
सौंदर्य देख धरा की प्रकृति भी,
हो जाती है मंत्र-मुग्ध।
लेकर साँझ का टीका हाथों में,
फिर धरा की वो लेती नज़र उतार।
-Nidhi Agarwal
ये प्रकृति ही हमारी सबसे बड़ी शिक्षक है। हम चारों ओर से प्रकृति से घिरे हुए है, अगर कहे तो हम प्रकृति के ही अंश है। ये प्रकृति ही हमारी माँ के समान है। हमें अपने प्राकृतिक परिवेश का ध्यान रखना चाहिए, स्थिर बनाना चाहिए, साफ रखना चाहिए और विनाश से बचाना चाहिए, जिससे कि हम अपनी प्रकृति का हमेशा आनंद ले सकें। ये प्रकृति ईश्वर द्वारा इंसानों को दिया हुआ एक अनमोल उपहार है, जिसे हमें हमेशा सजो के रखना है, जिससे कि यह हमेशा ऐसे ही अपनी सुंदरता बिखेरती रहे।
Hope you find this article about Poem on Morning Beauty in Hindi useful, if you like this amazing article, then share it to your dear ones, yours one share motivates us. For getting notifications of new posts and exciting poems, you can like our Facebook Page and Follow us on Instagram and on Twitter as well.
प्रकृति से रिलेटेड अन्य कविताएँ:
Must Read:
Hope you find this article about Poem on Morning Beauty in Hindi useful, if you like this amazing article, then share it to your dear ones, yours one share motivates us. For getting notifications of new posts and exciting poems, you can like our Facebook Page and Follow us on Instagram and on Twitter as well.
प्रकृति से रिलेटेड अन्य कविताएँ:
Must Read:
- वसंत ऋतु पर सुंदर कविताएँ | Hindi Poems on Vasant Ritu
- पर्यावरण पर कुछ कविताएँ | Poems on Environment in Hindi
- प्रकृति पर कुछ कविताएँ | Poems on Nature in Hindi
Edited by- Somil Agarwal
Nice
ReplyDeletenice kavita
ReplyDelete