Thursday 15 July 2021

जंगल पर कविताएँ | Poem on Jungle in Hindi

पृथ्वी पर जीवन के लिए जंगलों का होना अति आवश्यक है। जंगलों के कारण ही धरती पर वर्षा होती है। जंगलों के कारण ही हमें ढेरों वनस्पतियाँ मिलती है व हमारी पृथ्वी के वातावरण में शुद्ध हवा का संचार होता है। जंगल कई जानवर और पक्षियों का घर भी है। वर्तमान समय में मनुष्य स्वार्थी होता जा रहा है और इसी कारण वह जंगलों को उजाड़ रहा है। लगातार हो रही पेडों की कटाई के कारण वनभूमि कम हो रही है। जंगल सिमट रहे है और शहर बढ़ रहे है।

वनों का बचाव और संरक्षण जरूरी है। वनों का संरक्षण होगा तो वनस्पति और वन्य जीवों का भी संरक्षण होगा। भारत में वन संरक्षण का अधिनियम भी बना हुआ है। वन नीति के अनुसार भारत के भूभाग पर 33 फीसदी वन होना चाहिए। परन्तु यह सिर्फ भारत के १५ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों तक ही सिमट कर रह गया है। बहुत से राज्यों में यह आकड़ा सिमट कर रहे गया है। आज हमारी वन भूमि खतरे में पड़ती जा रही है या कह लीजिये पड़ गयी है।

आज से वनों की कटाई नही रुकी तो आने वाला समय मानव जाति के लिए विकट होने जा रहा है। रेगिस्तानी भूमि में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। वनों की कटाई करने पर सख्त कानून होने चाहिए। जीवन के लिए ऑक्सिजन जरूरी है और यह प्राण ऊर्जा (ऑक्सीजन) पेड़ पौधों से मिलती है। वन पेड़ पौधों से ही बनते है। अगर हम जल्द ही जागरूक नहीं हुए तो हमारी सारी समझदारी व्यर्थ चली जाएगी। आज हम आपके समक्ष साझा करते है कुछ जंगल पर कविताएँ, ताकि हमारे प्रिय बच्चों एवं अन्य पाठकों को हमारे माध्यम से जंगलों के प्रति जागरूकता बढ़े और फिर वो अपने कार्य हेतु जंगलों का बचाव कर पाए।

जंगल पर कविताएँ | Poem on Jungle in Hindi


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Poem on Jungle in Hindi

Poem on Jungle in Hindi


नही रहे अब वो जंगल

हरी भरी सी अपनी धरती,
लगती कितनी प्यारी थी,
जंगल ही तो इसकी शोभा थे,
इनकी दुनिया तो एकदम न्यारी थी।

इन जंगल के कारण ही,
इसके राजा-रानियों की प्यारी एक कहानी थी,
जिसको सुनाने के खातिर ही,
प्यारी दादी और नानी थी।

मोर-मोरनी के नृत्य का,
होता था दर्शन वर्षा के आगमन पर,
जिनके इंद्रधनुषी पंखों की,
पूरी दुनिया दीवानी थी।

मोगली और बघीरा की दुनिया की,
ये जंगल ही तो निशानी थी,
जिनको सुनकर बड़ा हुआ बच्चों का जीवन,
उस कहानी की दुनियाँ अजब निराली थी।

नही रहे अब वो जंगल,
जो कहानियों की निशानी थे,
खत्म हो गए कहानी किस्से,
लगता बस अब ये बात पुरानी थी।

पर याद बहुत आते है वो दिन,
पशु-पक्षियों संग बीता जीवन,
वो हरे-भरे लहलहाते जंगल,
जिनकी अपनी ही अलग कहानी थी।

हरी भरी सी अपनी धरती,
लगती कितनी प्यारी थी,
जंगल ही तो इसकी शोभा थे,
इनकी दुनिया तो एकदम न्यारी थी।
- Nidhi Agarwal

जंगल पर कविताएँ


खत्म हो रही धरती की सुंदरता

कट रहे जंगल देखो,
मिट रही पशु-पक्षियों की आजादी,
हरी-भरी दिखती थी जो धरती,
है अब चारों-तरफ बर्बादी।

खत्म हो रही धरती की सुंदरता,
हावी है उस पर मानव की जो बर्बरता,
हो रही समाप्त अब मानवता,
दिख रही चारों तरफ़ बस क्रूरता।

स्वयं को ईश्वर मान बैठा है मानव पर,
हो गयी नीच प्रवृत्ति उसकी,
लगता है वो जैसा कोई दानव,
खेल खेलता वो जो है प्रकृति से,
सहना भी होगा उसका तांडव।

स्वयं के जीवन को नष्ट करने की,
कैसी प्रवृत्ति सीखी है मानव तुमने,
मिटा कर स्वयं का अस्तित्व,
आखिर क्या करने की ठानी है तुमने।

अब भी वक्त है चेत जाओ,
समझो जीवन का महत्व तुम,
धरती की हरियाली बचाकर,
वनों को कटने से बचाओं।
- निधि अग्रवाल

Van Sanrakshan Par Kavita | वनों पर कविता


धरती का श्रृंगार

करना है अगर शुद्ध वायु की कमी पूरी,
तो हर घर में है एक वृक्ष जरूरी।

वृक्ष होते है औषधियों की खान,
जिससे मिलता है लोगों को जीवन दान।

पेड़-पौधे ही करते है भरण-पोषण,
मिटता है जिससे शारीरिक कुपोषण।

वृक्ष धरती को करते है शोभायमान,
दिखती जिससे सुंदर वो महान।

वृक्ष ही रोकते मृदा अपरदन,
वृक्ष ही लाते वर्षा के घन।

वृक्ष देते है शरण और छांव,
वृक्षों से ही शोभित है गाँव।

वृक्ष है ईश्वर के अद्वितीय उपहार,
जिनसे ही है धरती का श्रृंगार।

वृक्षों का तुम रखना ध्यान,
वृक्ष ही है हमारे जीवन की पहचान।
- Nidhi Agarwal

हमें आशा है कि आपको यह Poem on Jungle in Hindi अवश्य पसंद आयी होगी, यदि अच्छी लगी हो तो इन्हें साझा अवश्य करिये ताकि और लोग भी हमारे माध्यम से जंगलों का महत्त्व समझ सकें और इन्हें संरक्षित करने का प्रयास करते रहें।

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