Monday 25 March 2019

धार्मिक कविताओं का संग्रह | Devotional Poems in Hindi

ईश्वर का न रंग है न रूप है और न इसे हम देख सकते है, लेकिन ऐसी कोई न कोई शक्ति है, जो हमारे ब्रम्हांड में विद्यमान है जिसे हमने ईश्वर का नाम दिया है। ईश्वर इतना सर्व शक्तिमान है जिसे किसी धन दौलत की जरूरत नही है वह तो बस एक छोटी सी प्रार्थना से प्रसन्न हो जाता है।

जीवन के सिर्फ दो ही पहलू है सुख और दुःख, जिसे हर व्यक्ति को अपनाना ही पड़ता है। हर कोई जीवन में सुख की कल्पना करता है, परन्तु जीवन में दुःख तो हर किसी को कहीं न कहीं, किसी भी मोड़ पर आ ही जाता है,लेकिन हमें इस परिस्थिति से निकलने के लिए कहीं न कहीं प्रार्थना की आवश्यकता पड़ती है और ईश्वर की प्रार्थना में इतनी शक्ति है जो हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाती है। ईश्वर की प्रार्थना उस समय हमारे मन को शांति प्रदान करती है जब हमारा मन विचलित होता है। इसी आत्मविश्वास को बढ़ाने और ईश्वर की प्रशंसा में आपके समक्ष Devotional Poems in Hindi शेयर करते है।

धार्मिक कविताओं का संग्रह | Devotional Poems in Hindi


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Devotional Poems in Hindi

Devotional Poems in Hindi


बनकर मेरे जीवनसाथी प्रभु

बनकर मेरे जीवनसाथी प्रभु,
हर पग में मेरा साथ निभाना।
जीवन की अंधेरी राहों में,
विश्वास का एक दीप जलाना।

हो जाऊं अगर निराश कभी मैं,
या कभी उदास जिंदगी से।
आशा की मेरे मन में तुम,
उजली सी किरण जगाना।

बनकर मेरा जीवन साथी प्रभु,
हर पग में मेरा साथ निभाना।
जीवन की अंधेरी राहों में,
विश्वास का एक दीप जलाना।

थोड़ा पाकर मैंने,
बहुत कुछ खोया है जीवन में।
परिपूर्ण बना देना मुझको,
प्रभु देकर अपने प्रेम का खजाना।

बनकर मेरा जीवनसाथी प्रभु,
हर पग में मेरा साथ निभाना।
जीवन की अंधेरी राहों में,
विश्वास का एक दीप जलाना।

कुछ गुण है मुझमें कुछ अवगुण है,
ये दोनों ही जीवन के पहलू हैं।
प्रेम इसी को कहते है,
गुण-दोष किसी को अपनाना।

बनकर मेरा जीवन साथी प्रभु,
हर पग में मेरा साथ निभाना।
जीवन की अंधेरी राहों में,
विश्वास का एक दीप जलाना।
Written by- Nidhi Agarwal

ईश्वर के कई रूप है, कहते है प्रेम ईश्वर का दूसरा रूप ही है। आज हम ईश्वर में विश्वास क्यों रखते है, क्यों मानते है ईश्वर को, क्यों वह पूजनीय है? इसका सिर्फ एक ही कारण है, और वह है प्रेम, सिर्फ प्रेम। जैसे हम ईश्वर को अपने प्रेम रुपी स्वभाव से सींचते है, वैसे ईश्वर भी हमें प्रेम करता है। हलांकि अगर हम सुख और दुःख की बात करे, वह तो मनुष्य सिर्फ अपने कर्मो के अनुसार ही भोगता है। एक प्रेम ही तो है जो हमें आपस में बाँधे हुए है और हमें अहसास कराता है और विश्वास कराता है कि ईश्वर हमारे बीच उपस्थित है। ऐसे महानतम प्रभु को याद कर और प्रभु की कल्पना करते हुए कुछ धार्मिक कविताएँ आपके समक्ष शेयर करते है।

Dharmik Kavita- धार्मिक कविताएँ हिंदी में


हे प्रभु

हे महानतम। हे महामहिम।
मेरे उर को शुद्ध बनाओ तुम।
इस अन्धकार मय जीवन से,
तम का राज हटाओ तुम।
हर तरफ हो बस उजाला,
आशाओं के दीप जलाओ तुम।
इस करुण हृदय की धाराओं में,
प्रसन्नता की नाव चलाओ तुम।
पल-पल नाम लू , हे प्रभु तेरा कि,
मेरे इस जीवन की लघु माला में,
मोती की तरह गुथ जाओ तुम।
Written by- Nidhi Agarwal

हमें अपने जीवन में तीन बातें अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए, ईश्वर पे विश्वास रखो, सदा परोपकार के मार्ग पे चलो और श्रेष्ठता प्राप्त करो। ईश्वर पे विश्वास और सदा परोपकार के मार्ग पर चल कर ही, मनुष्य श्रेष्ठता को प्राप्त करता है, यही जीवन का सत्य है और इसी से ही हमारे मन को संपूर्ण संतुष्टि मिल सकती है। ईश्वर पे विश्वास व उनकी स्मृति होना, हमें अनेक सफलताएँ दिला सकता है। एक कविता मेरे ईश्वर हमारे धार्मिक कविताओं के संग्रह से आपके समक्ष शेयर करते है।

Beautiful Devotional Poems in Hindi


मेरे ईश्वर

मेरे ईश्वर मुझे भूलना न कभी,
याद आ जाना जो भूल जाऊ कभी।
रूठना न, अगर रूठ जाऊ मैं तुमसे,
मान जाना, अगर मैं मनाऊ कभी।

आप पर विश्वास से मुझे,
नव जीवन मिल गया।
धुँधले हो रहे सपनों से,
मानों फिर से नाता जुड़ गया।

आप से छूटा था जो साथ,
वो फिर से जुड़ गया।
मेरी ज़िन्दगी को फिर से,
एक नया मकसद मिल गया।

इसीलिए, है तुमसे सारा जग आलोकित,
कण-कण में फिर भी, ये नयन अतृप्त।
नाम न कोई, न कोई रूप है निश्चित,
स्मृति करू तो, मन में हो अंकित।
Written by- Nidhi Agarwal

हमें आशा है कि आपको यह सुन्दर धार्मिक कविताएँ जरूर पसंद आयीं होंगी। जैसा मैंने ऊपर कहा था कि जीवन के दो पहलू है सुख और दुःख। यह सत्य है। यदि मैं कहूँ इस जीवन को जीने के लिए भी दो पहलू आवश्यक है, एक तो ईश्वर पे विश्वास होना और दूसरा अपना कर्म करते रहना। जहाँ ईश्वर पे विश्वास होगा वहाँ कर्म करने की चेष्टा अपने आप जाग्रत होगी और जहाँ कर्म भाव अच्छा होगा वहाँ ईश्वर पे विश्वास अपने आप ही जगता जायेगा। यही इस संसार की निति है।

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Edited by- Somil Agarwal

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