दोस्तों, माँ की ममता का कोई मूल्य नहीं होता और जिन लोगों की माँ होती है वो बहुत भाग्यशाली होते है। उनकी किस्मत कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ती है और सबसे बड़ी बात दुनिया में सबसे बड़ी चीज माँ-पिता का आशीर्वाद होता है। जिसके पास यह सब है वो बहुत धनी है। हम सभी लोग अपने माता-पिता को दिल-ओ-जान चाहते है, उनको बहुत प्यार और सम्मान देते है, लेकिन दुनिया में बहुत से लोग ऐसे भी है जो 'माँ' का महत्व समझते ही नहीं है, परन्तु उनको भी जीवन में किसी मोड़ पे पता चल ही जाता है कि उनको अपने जीवन में 'माँ-बाप' की आवश्यकता कितनी है।
दोस्तों, माँ का महत्त्व समझने के लिए आज हम आपके समक्ष कुछ पंक्तियाँ कविताओं के माध्यम से शेयर करते है। यह माँ पर कविताएँ इस नए युग की पीढ़ी के लिए है, बच्चों और नौजवानों के लिए है, जो इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अपनी दूसरी परेशानियों या खुशियों को अधिक प्राथमिकता देते है और इन्हीं बातों की वजह से अपनी माँ को नजर अंदाज कर देते है। वह अपनी बाहरी दुनिया से निकले और अपनी माँ को जिंदगी में अहम दर्जा दें। Poem on Mother in Hindi आपके समक्ष प्रस्तुत है।
माँ पर कविताएँ | Poem on Mother in Hindi
Poem on Mother in Hindi |
Poem on Mother in Hindi
मेरी प्यारी माँ
माँ जब से मैंने आँखें खोली,
हर पल सामने तुझको पाया है।
मेरे इस छोटे से जीवन का,
अस्तित्व तुझी में समाया है।
मेरे हर एक छोटे से आंसू पर तूने,
आंसुओं का समुद्र बहाया है।
मेरे हर एक गम को तूने,
अपने गले से लगाया है।
जब-जब कठनाइयों ने मुझको घेरा,
हर पल तूने साथ निभाया है।
प्यार भरा तेरा अहसास,
तेरी ममता तेरा दुलार।
कड़ी धूप से बचाता जो,
तेरे आँचल की वह छाँव।
कहती थी तू अपने मन में,
कि मेरा बचपन अब तुझमें समाया।
जब मैंने पहला वह कदम,
तेरे साथ बढ़ाया है।
डग मग करते इन पैरों को,
तूने ही चलना सिखाया है।
ईश्वर से मेरी है बस यही प्रार्थना,
हर जन्म में तू ही मिले मुझे,
क्योंकि तुझसे ही है मेरा जीवन,
और तुझसे ही मैंने अपना अस्तित्व पाया है।
हर पल सामने तुझको पाया है।
मेरे इस छोटे से जीवन का,
अस्तित्व तुझी में समाया है।
मेरे हर एक छोटे से आंसू पर तूने,
आंसुओं का समुद्र बहाया है।
मेरे हर एक गम को तूने,
अपने गले से लगाया है।
जब-जब कठनाइयों ने मुझको घेरा,
हर पल तूने साथ निभाया है।
प्यार भरा तेरा अहसास,
तेरी ममता तेरा दुलार।
कड़ी धूप से बचाता जो,
तेरे आँचल की वह छाँव।
कहती थी तू अपने मन में,
कि मेरा बचपन अब तुझमें समाया।
जब मैंने पहला वह कदम,
तेरे साथ बढ़ाया है।
डग मग करते इन पैरों को,
तूने ही चलना सिखाया है।
ईश्वर से मेरी है बस यही प्रार्थना,
हर जन्म में तू ही मिले मुझे,
क्योंकि तुझसे ही है मेरा जीवन,
और तुझसे ही मैंने अपना अस्तित्व पाया है।
Written by- Nidhi Agarwal
माँ के प्यार को कुछ शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। उसका दिल आपके लिए प्यार, क्षमा, दया और बहुत देखभाल से भरा है। उसकी प्रार्थना इस दुनिया की सबसे मजबूत चीज है जो हमेशा आपके जीवन में मदद और सुधार करने के लिए आपका अनुसरण करती है। उसका प्यार कोई कानून नहीं जनता। वह आपको हर उस बाधा से बचाता है, जो आपके रास्ते में खड़ी है। इस ममता के सागर के समान माँ के लिए कुछ पंक्तियाँ माँ पर कविताएँ आपके समक्ष शेयर करते है।
Mother Par Kavita
माँ तू ममता का सागर
माँ तू ममता का सागर,
तेरा आँचल, प्रेम का है बादल।
बरसाती हरदम तू करुणा की बारिश,
जिससे तन मन हो जाता पावन।
माँ तेरी वह हरदम मेरी,
फिक्र और हिफाजत करना।
लगता है जैसे मैं ही हूँ तेरे,
खुशियों का संसार।
माँ तेरे हाथों का अहसास,
लगता है कितना खास।
सहलाती तू जब प्यार से,
मिट जाता दुःख का सारा झंझावात।
माँ मेरे लिए तू, मेरी जन्नत है,
तू ही मेरी इबादत और मन्नत है।
तेरे चेहरे पे एक छोटी सी खुशी के लिए,
मेरा पूरा जीवन समर्पित है।
तेरा आँचल, प्रेम का है बादल।
बरसाती हरदम तू करुणा की बारिश,
जिससे तन मन हो जाता पावन।
माँ तेरी वह हरदम मेरी,
फिक्र और हिफाजत करना।
लगता है जैसे मैं ही हूँ तेरे,
खुशियों का संसार।
माँ तेरे हाथों का अहसास,
लगता है कितना खास।
सहलाती तू जब प्यार से,
मिट जाता दुःख का सारा झंझावात।
माँ मेरे लिए तू, मेरी जन्नत है,
तू ही मेरी इबादत और मन्नत है।
तेरे चेहरे पे एक छोटी सी खुशी के लिए,
मेरा पूरा जीवन समर्पित है।
Written by- Nidhi Agarwal
एक माँ ही है, जो हमारी जिंदगी के हर सुख-दुःख की साथी होती है। कभी अच्छी शिक्षक बनके हमारे जीवन को सवांरती है, तो कभी अच्छी मित्र के रूप में जिंदगी भर हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ से बहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता, उसके प्यार और देख-रेख को कभी तोला नही जा सकता। वो बिना किसी अपनी व्यक्तिगत लाभ के हमारी हर जरूरत के लिए हर पल ध्यान रखती है। "माँ तू मेरी जिंदगी है" इस सुन्दर Maa Par Kavita के जरिये हम आपको माँ की विशेषता दर्शना चाहते है।
एक माँ ही है, जो हमारी जिंदगी के हर सुख-दुःख की साथी होती है। कभी अच्छी शिक्षक बनके हमारे जीवन को सवांरती है, तो कभी अच्छी मित्र के रूप में जिंदगी भर हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ से बहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता, उसके प्यार और देख-रेख को कभी तोला नही जा सकता। वो बिना किसी अपनी व्यक्तिगत लाभ के हमारी हर जरूरत के लिए हर पल ध्यान रखती है। "माँ तू मेरी जिंदगी है" इस सुन्दर Maa Par Kavita के जरिये हम आपको माँ की विशेषता दर्शना चाहते है।
माँ पर कविता | Maa Par Kavita
माँ तू मेरी ज़िंदगी है
बिन कुछ सुने, बिन कुछ कहे,
सब कुछ समझ जाए।
कभी मेरे होठो की हंसी बने,
तो कभी मेरे दर्द की दवा बन जाए।
कभी मेरे जीवन की आशा बने,
तो कभी मेरे लिए, तू दुआ बन जाए।
मेरे नन्हें कदमों को पंख देने वाली,
कभी मेरे सपनों की उड़ान बन जाए।
कभी मेरी पथ साथी बने,
तो कभी अंधकार में दीप बन जाए।
निराश न होने पाऊँ कभी मैं,
मेरी हार में भी तू, मेरी जीत बन जाए।
मेरे जीवन की बस यही एक तमन्ना,
'माँ' मैं तेरा वजूद बनू,
तू मेरी पहचान बन जाए।
सब कुछ समझ जाए।
कभी मेरे होठो की हंसी बने,
तो कभी मेरे दर्द की दवा बन जाए।
कभी मेरे जीवन की आशा बने,
तो कभी मेरे लिए, तू दुआ बन जाए।
मेरे नन्हें कदमों को पंख देने वाली,
कभी मेरे सपनों की उड़ान बन जाए।
कभी मेरी पथ साथी बने,
तो कभी अंधकार में दीप बन जाए।
निराश न होने पाऊँ कभी मैं,
मेरी हार में भी तू, मेरी जीत बन जाए।
मेरे जीवन की बस यही एक तमन्ना,
'माँ' मैं तेरा वजूद बनू,
तू मेरी पहचान बन जाए।
Written by- Nidhi Agarwal
दोस्तों, इस दुनियाँ में सभी रिश्तों में माँ का रिश्ता सबसे ख़ास होता है, जिसकी तुलना हम किसी से भी नही कर सकते। माँ बच्चों की दौलत होती है, और जिसके पास माँ रूपी दौलत है वो संसार में सबसे धनवान होता है। माँ वह होती है जो अपने बच्चों के मन की बातें बिना बताए समझ लेती है। माँ अपने बच्चों की खुशी के लिए अपनी खुशियां भूल जाती है, वह अपने बच्चों में ही अपनी ख़ुशियों को ढूंढती है। माँ बच्चों के दुख में दुखी हो जाती है और उसकी ख़ुशियों के लिए अपनी खुशियाँ न्यौछावर कर देती है। माँ बच्चों के सपनो में ही अपने सपनों को खोजती है और उन सपनों को पूरा करने के लिए अपना जी जान लगा देती है। माँ अपना जीवन अपने बच्चों में ही जीती है। माँ के उपकारों का जितना भी वर्णन किया जाए कम होगा, बल्कि माँ का वर्णन शब्दों में किया ही नही जा सकता। हम माँ के उपकारों का कर्ज तो सात जन्मों तक नही उतार सकते, लेकिन हाँ हम उन्हें आदर-सम्मान देकर उन्हें खुशियां दे सकते है, माँ तो इतनी सरल होती है वह तो इन छोटी-छोटी ख़ुशियों से खुश हो जाएगी।
माँ पर कविताओं के माध्यम से, हमने उस अद्भुत भूमिका को प्रस्तुत करने की कोशिश की है, जो एक माँ हर व्यक्ति के जीवन में निभाती है। परन्तु कुछ लोग आज भी इस दुनिया में ऐसे है, जो अपनी माँ को जरा सा भी गिनते नही, यह गलत है, जिसने हमें पढ़ाया, बढ़ाया और अपना पेट काट कर हमें सींचा उसको हम मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देते है। क्यों करते है ये लोग ऐसा। उन लोगों को कोई हक नही है इनका अपमान करने का।
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माँ पर कविताओं के माध्यम से, हमने उस अद्भुत भूमिका को प्रस्तुत करने की कोशिश की है, जो एक माँ हर व्यक्ति के जीवन में निभाती है। परन्तु कुछ लोग आज भी इस दुनिया में ऐसे है, जो अपनी माँ को जरा सा भी गिनते नही, यह गलत है, जिसने हमें पढ़ाया, बढ़ाया और अपना पेट काट कर हमें सींचा उसको हम मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देते है। क्यों करते है ये लोग ऐसा। उन लोगों को कोई हक नही है इनका अपमान करने का।
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EDITED BY- Somil Agarwal
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