हमारी पृथ्वी पर ढेरों जीव-जन्तु समाहित है, जिन पर प्रकृति का संतुलन अनंत दशकों से निर्भर है। यह जीव-जंतु चाहें छोटे हो या बड़े, सभी हमारी प्रकृति माँ के लिए महत्वपूर्ण है। इन सबकी वजह से ही जीवन संभव है। अनेक जीवों के बीच, एक जीव है "तितली", जिसे हम सब प्यार से तितली रानी भी कहते है। कोमल पंख लिए और अनेक रंगों से सजी यह जीव बहुत ही ख़ूबसूरत लगती है। तितली रानी जब बाग़-बगीचों व फुलवारियों में गुंजार करती है तो हम सबका मन मोह लेती है।
आज हम आपके समक्ष तितली जैसी अनमोल जीव का सुन्दर व्याख्या करने हेतु उपस्थित हुए है अपनी तितली रानी पर कविताओं के माध्यम से, जिससे कि हम सब इस पृथ्वी पर मौज़ूद इस जीव की सुंदरता और निर्भरता का महत्व समझते रहे।
नटखट तितली
कभी बसंती, कभी नारंगी,
रंग-रंग में आती हो।
कभी दमकती, कभी चमकती,
कभी इंद्रधनुष सी हो जाती हो।
कली-कली पर भौरों के संग घूम-घूमकर,
फूलों पर मंडराती हो।
कितनी सुन्दर, कितनी कोमल,
सोचकर खुद ही इतराती हो।
कभी पास आकर मेरे,
सतरंगी कर मेरे मन को,
झट दूर कहीं आसमाँ में उड़ जाती हो।
तितली रानी
ओ री तितली रानी! पास तो आ जरा,
क्यों? मुझसे तुम डरती हो,
मेरे बाँगो में तुम,
छुप-छुप के उड़ती रहती हो।
ओ री प्यारी! तितली रानी,
जो तुम मेरे पास आ जाओ,
तेरे सतरंगी पंखों को,
मैं प्यार से सहलाऊ।
करूँ कुछ बातें तुझसे मैं,
अपने मन को बहलाऊ,
तेरी रंग-बिरंगी दुनिया से,
मैं भी थोड़ा मिल आऊ।
मेरी प्यारी तितली रानी,
क्यो! पास नही तुम आती,
चुपके से ही बस,
मेरे बाँगो में तुम मंडराती।
दोस्तों, आप सबको यह Poem on Butterfly in Hindi कैसी लगी, हमें अवश्य बताए, अपने महत्पूर्ण कमेंट्स के जरिये। आप अपने सुझाव व प्रतिक्रियाएँ कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे साझा कर सकते है। यदि आपको यह कविताएँ अच्छी लगी हो तो, इन्हें छोटे बच्चों, मित्रों व अन्य परिवार जनों से साझा अवश्य करें, ताकि वह भी इस अद्भुत व अनोखे से जीव की ख़ूबसूरती का आनंद ले सकें।
आज हम आपके समक्ष तितली जैसी अनमोल जीव का सुन्दर व्याख्या करने हेतु उपस्थित हुए है अपनी तितली रानी पर कविताओं के माध्यम से, जिससे कि हम सब इस पृथ्वी पर मौज़ूद इस जीव की सुंदरता और निर्भरता का महत्व समझते रहे।
तितली रानी पर कविताएँ | Poem on Butterfly in Hindi
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Poem on Butterfly in Hindi |
Poem on Butterfly in Hindi
नटखट तितली
कभी बसंती, कभी नारंगी,
रंग-रंग में आती हो।
कभी दमकती, कभी चमकती,
कभी इंद्रधनुष सी हो जाती हो।
कली-कली पर भौरों के संग घूम-घूमकर,
फूलों पर मंडराती हो।
कितनी सुन्दर, कितनी कोमल,
सोचकर खुद ही इतराती हो।
कभी पास आकर मेरे,
सतरंगी कर मेरे मन को,
झट दूर कहीं आसमाँ में उड़ जाती हो।
- Nidhi Agarwal
तितली पर कविता | Titli Par Kavita
तितली रानी
ओ री तितली रानी! पास तो आ जरा,
क्यों? मुझसे तुम डरती हो,
मेरे बाँगो में तुम,
छुप-छुप के उड़ती रहती हो।
ओ री प्यारी! तितली रानी,
जो तुम मेरे पास आ जाओ,
तेरे सतरंगी पंखों को,
मैं प्यार से सहलाऊ।
करूँ कुछ बातें तुझसे मैं,
अपने मन को बहलाऊ,
तेरी रंग-बिरंगी दुनिया से,
मैं भी थोड़ा मिल आऊ।
मेरी प्यारी तितली रानी,
क्यो! पास नही तुम आती,
चुपके से ही बस,
मेरे बाँगो में तुम मंडराती।
- निधि अग्रवाल
दोस्तों, आप सबको यह Poem on Butterfly in Hindi कैसी लगी, हमें अवश्य बताए, अपने महत्पूर्ण कमेंट्स के जरिये। आप अपने सुझाव व प्रतिक्रियाएँ कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे साझा कर सकते है। यदि आपको यह कविताएँ अच्छी लगी हो तो, इन्हें छोटे बच्चों, मित्रों व अन्य परिवार जनों से साझा अवश्य करें, ताकि वह भी इस अद्भुत व अनोखे से जीव की ख़ूबसूरती का आनंद ले सकें।
EDITED BY- SOMIL AGARWAL
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