Wednesday 5 August 2020

साक्षरता दिवस पर कविताएँ | Poem on Literacy Day in Hindi

साक्षरता का मतलब साक्षर होना अर्थात पढ़ने और लिखने में सक्षम होना है। विश्व में शिक्षा के महत्व को समझने, दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। वर्तमान समय के मुकाबले भारत में साक्षरता दर बहुत ही कम था जिसके चलते राष्ट्रिय साक्षरता मिशन की स्थापना 5 मई 1988 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने की थी।

हर मनुष्य को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, हर कोई को पढ़ने-लिखने का अधिकार है। इसी उद्देश्य से हम भी और शिक्षा का महत्व रखते हुए, आपके समक्ष शेयर करते है साक्षरता दिवस पर कविताएँ, जिससे कि हम सब निरक्षरता को समाप्त कर साक्षर भारत की ओर अग्रसर हो सकें।

साक्षरता दिवस पर कविताएँ | Poem on Literacy Day in Hindi


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Poem on Literacy Day in Hindi

Poem on Literacy Day in Hindi


साक्षरता जरूरी है

साक्षरता जरूरी है,
स्वयं से स्वयं की पहचान के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
विचारों के आदान-प्रदान के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
स्वयं के कर्तव्यों और अधिकारों के भान के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
अपनी सभ्यता के मान के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
अपनी मर्यादा के आन के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
अपनी संस्कृति के ज्ञान के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
एक नए युग के निर्माण के लिये।

साक्षरता जरूरी है,
विश्व कल्याण के लिये।
- Nidhi Agarwal

साक्षरता दिवस पर कविताएँ


साक्षरता अभियान

हम सबको मिलकर,
एक नया मुहिम चलाना होगा,

साक्षरता अभियान की ओर,
हमें एक कदम बढ़ाना होगा।

निरक्षरता का ये काला टीका,
भारत के माथे से हटाना होगा,

साक्षरता के नव दीपों से,
तम अज्ञानता का मिटाना होगा।

स्वयं जागरूक होने के संग,
हर नागरिक को जागरूक बनाना होगा,

उसके कर्तव्यों से उसको,
हमें अवगत कराना होगा।

तभी हो सकेगा संभव सब,
और हो सकेगा जन कल्याण,

 तभी होंगे सच सपने भारत के,
और सफल ये मिशन हमारा होगा।
- निधि अग्रवाल

Literacy Day Par Kavita


'साक्षरता' परम् महत्वपूर्ण

साक्षरता है जीवन में परम् महत्वपूर्ण,
बिन इसके तो बंधु, होता है जीवन अपूर्ण।

बिन साक्षरता के नही मिटता,
अज्ञानता का अंधकार,
इससे ही आता है ज्ञान,
और होते है इससे शुद्ध हमारे विचार।

सही और गलत का जीवन में,
कर पाता वही पहचान,
होता है जो साक्षर,
और जिसको होता भाषा का ज्ञान।

जीवन पथ पर बढ़ता वो ही,
जो समय के साथ कदम मिलाता,
समय के महत्त्व को बंधु,
एक साक्षर ही, समझ पाता।

तो सुन लो भाईयों और बहनों,
होता अगर साक्षर परिवार,
पूरे होते वहां सबके सपने,
और खिलता है वहीं ख़ुशियों का संसार।
- Nidhi Agarwal

हमें आशा है कि आप सभी को Poem on Literacy Day in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। वर्तमान युग में हम सबका कर्तव्य बनता है कि हमें शिक्षा को सबसे पहला स्थान देते हुए, हमें पढ़ना-लिखना चाहिए। जिससे कि हर एक मनुष्य को निरक्षरता दूर कर एक साक्षर भारत बनाना चाहिए और इस देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए।
EDITED BY- सोमिल अग्रवाल

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