हमारी आन, बान और शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा', इसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। जिसके लिए अनेकों लोगों ने कुर्बानियाँ दी, जिसके लिए अनेकों लोगों ने अपना शीश कटवाकर इसे कभी नीचा न होने दिया। ऐसे आन, बान और शान के प्रतीक को पूरे देश वासियों का नमन।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ऐसे ही सदा लहराता रहेगा और हम सदा इसका शीश कभी भी झुकने नहीं देंगे। जिस प्रकार से हमारे देश के सिपाहियों व अन्य वीरों का धर्म तिरंगा की शान को बरक़रार रखने का होता है उसी प्रकार से हम भारतवासियों का भी कर्तव्य बनता है कि हम कभी भी इसको झुकने नहीं दें। इसी विचार को समझते हुए हम आपके समक्ष साझा करते कुछ तिरंगे झंडे पर कविताएँ, जिससे कि हम सब अपने ध्वज के प्रति सम्मान की भावना हमेशा सजोए रख सकें।
तिरंगे झंडे पर कविताएँ | Poem on Our National Flag in Hindi
Poem on Our National Flag in Hindi |
Poem on Our National Flag in Hindi
तिरंगा
रंग केसरिया मस्तक सजा,
श्वेत ह्रदय के मध्य, अशोक चक्र विराजे,
हरित रंग आँचल में सोहत,
शोभा बरन न जावे।
केसरी रंग वीरता का प्रतीक,
श्वेत रंग विश्व शांति का,
अशोक चक्र संपन्नता का,
हरा रंग देता हरियाली सीख।
भारतवर्ष का निज गौरव ये,
राष्ट्रध्वज का मिला नाम,
नतमस्तक होते सब इसपे,
देते इसको सब सम्मान।
जाति-पाति के बंधन से मुक्त,
तिरंगा सबको देता मान,
जो रखता तिरंगे की आन,
कहलाते वो मानव महान।
- Nidhi Agarwal
तिरंगे पर कविता | Tirange Par Kavita
देश की शान 'तिरंगा'
देश की शान है तिरंगा,
हर हिंदुस्तानी के दिल की धड़कन है तिरंगा,
इसकी शान-ओ-शौकत से ही,
गुलशन है भारत माँ का दामन।
ये तिरंगा नही केवल,
ये चैन-ओ-अमन है,
शरहद पर कुर्बान होने वाले,
हर शहीदों का कफ़न है।
इसके परवाज़ से ही,
झूमता ये अनंत गगन है,
रग-रग में बसता,
सारा जग जैसे रौशन ही रौशन है।
भारत माँ के दामन पर लहराते,
इस तिरंगे को नमन है,
रक्षा कर इसकी देंगे प्राण न्यौछावर,
हर एक भारत वासी का ये प्रण है।
- निधि अग्रवाल
Indian National Flag Par Kavita
मेरे देश का झंडा
मेरे देश का झंडा हो...हो...हो...
मेरे देश का झंडा अमर रहे,
रहे इसकी अमर कहानी,
मेरे देश का झंडा,
मेरे देश का झंडा।
हो राष्ट्र पर्व या सरहद पे जीत,
ये लहर लहर लहराता है,
कर मस्तक ऊँचा भारत माँ का,
उसका सम्मान बढ़ाता है,
मेरे देश का झंडा,
मेरे देश का झंडा।
तीन रंग से सजा तिरंगा
इसकी शान निराली है,
शक्ति, शांति, प्रगति,
और बसती इसमें खुशहाली है,
मेरे देश का झंडा,
मेरे देश का झंडा।
बच्चा, बूढ़ा या हो जवान,
ये सबके प्राणों को प्यारा है,
पूरा भारत न्यौछावर इस पर,
क्योंकि ये राष्ट्रध्वज हमारा है।
मेरे देश का झंडा,
मेरे देश का झंडा।
मेरे देश का झंडा हो...हो...हो...
मेरे देश का झंडा अमर रहे,
रहे इसकी अमर कहानी,
मेरे देश का झंडा,
मेरे देश का झंडा।
- Nidhi Agarwal
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हमें आशा है कि आप सभी को यह Poem on Our National Flag in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। अगर अच्छी लगी हो तो इन्हें अपने मित्रों व परिवार जनों से साझा अवश्य कर दीजिये। हमें यह भी आशा है कि यह कविताएँ न केवल आपको बल्कि पूरे देश को अपने ध्वज के प्रति सम्मान व आदर जैसी भावना को उत्पन्न करने में सहायक साबित होंगी।
EDITED BY- Somil Agarwal
Very nice poems 🙂🙂
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