हमारे प्यारे भारत देश में पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाय जाते है। चाहें होली हो, दिवाली हो, ईद हो या क्रिसमस हो, यह सारे त्यौहार हमारे देश की शान है और यह त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आते है। कहा जाता है कि भारत देश 'त्यौहारों का देश है' और यह सत्य भी है, जिस प्रकार से यहाँ के लोग हर त्यौहार को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है, वो तो फिर देखते ही बनता है। यह त्यौहार देशवासियों में एकता और अखंडता की भावना को जाग्रत करते है।
'दिवाली' हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आता है। कहते है यह त्यौहार आयोध्या नरेश भगवान श्री राम के १४ साल के वनवास के बाद उनके घर लौटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। जब भगवान श्री राम वनवास के बाद घर लौटे थे तब अयोध्या प्रदेश के निवासियों ने उस दिन पूरे नगर में दीपक जला के श्री राम जी का स्वागत किया था। तब से उस दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता आ रहा है।
दिवाली जैसे पावन पर्व पर दृष्टि डालने हेतु, हम आपके समक्ष लेकर उपस्थित हुए है कुछ दिवाली पर हिंदी कविताएँ, ताकि हमारे प्रिय पाठकों को दिवाली जैसे रोचक पर्व का सम्पूर्ण ज्ञान हो सके। हम आपके समक्ष प्रस्तुत करते है Poem on Diwali in Hindi...
खुशियों की दिवाली
लौटे थे जब राम अयोध्या,
करके रावण का संहार।
असत्य पर सत्य की जीत हुई थी,
मिटा था बुराई का अंधकार।
फैलाने उजियाला सच्चाई का,
खुशियों की दीपावाली आई थी।
नई उमंग से भर गये थे मन,
घर आंगन में खुशहाली आयी थी।
राम सिया संग अयोध्या जब आये,
पुलकित हो गया घर आँगन।
सजाके दीपों की माला से नगरी,
खुशियों की दीवाली आयी थी।
राम राज्य आया था फिर से,
जन-जन में थी खुशियाली।
मानो लगता था सुने उपवन में,
आ गयी हो फिर से हरियाली।
इस हरियाली की शोभा बनने,
खुशियों की दीवाली आयी थी।
कह उठे जिससे दीवाली,
सतयुग जैसी इस युग में भी आई थी।
पावन पर्व को आओं,
हम सब मिलकर मनाए।
जलाए दीप ख़ुशियों के घर-आंगन में।
इस धरती को स्वर्ग बनाये।
आशाओं की दिवाली
घर-मंदिर के आंगन में,
दिये हमने बहुत जलाएँ।
अब अँधियारे से मन में,
आओ आशाओं के दीप जलाएँ।
फैला है जो तम अज्ञानता का,
आओ उसको हम दूर भगाए।
सत्य का उजियाला हो हर तरफ,
आओ सत्यता का मार्ग अपनाएं।
ख़ुशियों की छोड़े फुलझड़ियाँ,
और मुस्कानों को फैलाये।
सहयोग की बाँटे मिठाइयाँ,
जीवन सबका मृदुल बनाए।
दीपों की दीवाली न हो ये केवल,
सबके जीवन में उजियाला लाए।
नई आशाओं की दिवाली को,
आओ हम सब सफल बनाए।
घर-मंदिर के आँगन में,
आओं ख़ुशियों के हम दियें जलाएँ।
अँधियारे से मन में सबके,
आओ आशाओं के दीप जलाएँ
दीपों की पंक्ति
दीपों की पंक्ति को देखो,
जगमग जगमग करती है।
दूर कर अंधकार को,
अनंत रौशनी से भरती है।
झिलमिल करते दीप अच्छे लगते है,
जैसे अम्बर में तारें हो।
बिखरें है मानो जैसे,
मोतियों की कोई कतारें हो।
लगते कभी जुगनू के जैसे,
जलना-बुझना और बुझ के जल जाना।
लगता ये दीपों का खेल भी,
कितना मनोरम और निराला।
ये दीपों की पंक्ति ही,
हर वर्ष दीवाली लाती है।
भर कर जीवन में हर्ष और उल्लास,
ख़ुशियों से हमें सजाती है।
आओं हम भी अपने जीवन को,
दीपों की एक पंक्ति बनायें।
एकता और समता की बाती से,
सबके जीवन को हर्षाये।
इकोफ्रैंडली दिवाली
आओ फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाए,
पर्यावरण को दूषित होने से बचायें।
दियें जलाए घी के,
अधिक से अधिक विद्युत को बचाये।
पटाखों पर बैन लगाकर,
धरती को ध्वनि और वायु प्रदूषण से बचाए।
आओ फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाए,
पर्यावरण को दूषित होने से बचायें।
होममेड पकवानों को वरीयता दे,
बाजार के रंगीनी पर न जाएं।
रख कर स्वास्थ्य का ध्यान अपना,
जीवन को अपने स्वस्थ बनाएं।
आओं फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाएँ,
पर्यावरण को दूषित होने से बचाये।
मन की दिवाली
दूर कर द्वेष का तम,
आओं मनाए मन की दीवाली।
कर दे प्रेम से प्रकाशित उस मन को,
जिस पर छाई थी दम्भ की काली।
मन से मन के दिये जलाकर,
आपस में घुल-मिल जाये।
बाटें बस खुशियाँ ही खुशियाँ,
जिससे जीवन में उल्लास भर जाए।
ये मन की दीवाली ही,
जीवन में उजियाला लाएगी।
अंधकार अज्ञानता का फिर,
हृदय से सबके मिटाएगी।
जब होगी ये मन की दीवाली,
मानवता प्रकाशमय हो जाएगी,
फिर होगी सच्ची दीवाली,
जो सारे जग को प्रकाशमान कर जाएगी।
आयी है दिवाली
आयी है दीवाली देखो,
आयी है दिवाली।
लेके जीवन में खुशहाली,
आयी है दिवाली।
घर-आँगन में है रौनक,
और चारों ओर रंगोली से सजावट।
दियो से सज गयी है चौखटे,
रंगीन हो गयी हैं झालरों से दीवारें।
मन में हर्ष और उल्लास फैलाने,
आयी है दिवाली।
ख़ुशियों ने दी है आहटें,
रौशनी से रौशन है सब।
चारों ओर फैली है जगमगाहट।
पटाखों की गूँज से,
आसमाँ भी हो गया है रौशन।
आयी है दिवाली देखो,
आयी है दिवाली।
'दिवाली' हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आता है। कहते है यह त्यौहार आयोध्या नरेश भगवान श्री राम के १४ साल के वनवास के बाद उनके घर लौटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। जब भगवान श्री राम वनवास के बाद घर लौटे थे तब अयोध्या प्रदेश के निवासियों ने उस दिन पूरे नगर में दीपक जला के श्री राम जी का स्वागत किया था। तब से उस दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता आ रहा है।
दिवाली जैसे पावन पर्व पर दृष्टि डालने हेतु, हम आपके समक्ष लेकर उपस्थित हुए है कुछ दिवाली पर हिंदी कविताएँ, ताकि हमारे प्रिय पाठकों को दिवाली जैसे रोचक पर्व का सम्पूर्ण ज्ञान हो सके। हम आपके समक्ष प्रस्तुत करते है Poem on Diwali in Hindi...
दिवाली पर हिंदी कविताएँ | Poem on Diwali in Hindi
Poem on Diwali in Hindi |
Poem on Diwali in Hindi
खुशियों की दिवाली
लौटे थे जब राम अयोध्या,
करके रावण का संहार।
असत्य पर सत्य की जीत हुई थी,
मिटा था बुराई का अंधकार।
फैलाने उजियाला सच्चाई का,
खुशियों की दीपावाली आई थी।
नई उमंग से भर गये थे मन,
घर आंगन में खुशहाली आयी थी।
राम सिया संग अयोध्या जब आये,
पुलकित हो गया घर आँगन।
सजाके दीपों की माला से नगरी,
खुशियों की दीवाली आयी थी।
राम राज्य आया था फिर से,
जन-जन में थी खुशियाली।
मानो लगता था सुने उपवन में,
आ गयी हो फिर से हरियाली।
इस हरियाली की शोभा बनने,
खुशियों की दीवाली आयी थी।
कह उठे जिससे दीवाली,
सतयुग जैसी इस युग में भी आई थी।
पावन पर्व को आओं,
हम सब मिलकर मनाए।
जलाए दीप ख़ुशियों के घर-आंगन में।
इस धरती को स्वर्ग बनाये।
WRITTEN BY- निधि अग्रवाल
Poem on Deepavali in Hindi
Poem on Diwali in Hindi |
घर-मंदिर के आंगन में,
दिये हमने बहुत जलाएँ।
अब अँधियारे से मन में,
आओ आशाओं के दीप जलाएँ।
फैला है जो तम अज्ञानता का,
आओ उसको हम दूर भगाए।
सत्य का उजियाला हो हर तरफ,
आओ सत्यता का मार्ग अपनाएं।
ख़ुशियों की छोड़े फुलझड़ियाँ,
और मुस्कानों को फैलाये।
सहयोग की बाँटे मिठाइयाँ,
जीवन सबका मृदुल बनाए।
दीपों की दीवाली न हो ये केवल,
सबके जीवन में उजियाला लाए।
नई आशाओं की दिवाली को,
आओ हम सब सफल बनाए।
घर-मंदिर के आँगन में,
आओं ख़ुशियों के हम दियें जलाएँ।
अँधियारे से मन में सबके,
आओ आशाओं के दीप जलाएँ
WRITTEN BY- निधि अग्रवाल
Diwali Par Kavita | दिवाली पर कविता
दीपों की पंक्ति
दीपों की पंक्ति को देखो,
जगमग जगमग करती है।
दूर कर अंधकार को,
अनंत रौशनी से भरती है।
झिलमिल करते दीप अच्छे लगते है,
जैसे अम्बर में तारें हो।
बिखरें है मानो जैसे,
मोतियों की कोई कतारें हो।
लगते कभी जुगनू के जैसे,
जलना-बुझना और बुझ के जल जाना।
लगता ये दीपों का खेल भी,
कितना मनोरम और निराला।
ये दीपों की पंक्ति ही,
हर वर्ष दीवाली लाती है।
भर कर जीवन में हर्ष और उल्लास,
ख़ुशियों से हमें सजाती है।
आओं हम भी अपने जीवन को,
दीपों की एक पंक्ति बनायें।
एकता और समता की बाती से,
सबके जीवन को हर्षाये।
WRITTEN BY- निधि अग्रवाल
दीपावली पर हिंदी कविता
Poem on Diwali in Hindi |
आओ फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाए,
पर्यावरण को दूषित होने से बचायें।
दियें जलाए घी के,
अधिक से अधिक विद्युत को बचाये।
पटाखों पर बैन लगाकर,
धरती को ध्वनि और वायु प्रदूषण से बचाए।
आओ फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाए,
पर्यावरण को दूषित होने से बचायें।
होममेड पकवानों को वरीयता दे,
बाजार के रंगीनी पर न जाएं।
रख कर स्वास्थ्य का ध्यान अपना,
जीवन को अपने स्वस्थ बनाएं।
आओं फिर से इकोफ़्रेंडली दीवाली मनाएँ,
पर्यावरण को दूषित होने से बचाये।
WRITTEN BY- Nidhi Agarwal
Deepawali Par Kavita
मन की दिवाली
दूर कर द्वेष का तम,
आओं मनाए मन की दीवाली।
कर दे प्रेम से प्रकाशित उस मन को,
जिस पर छाई थी दम्भ की काली।
मन से मन के दिये जलाकर,
आपस में घुल-मिल जाये।
बाटें बस खुशियाँ ही खुशियाँ,
जिससे जीवन में उल्लास भर जाए।
ये मन की दीवाली ही,
जीवन में उजियाला लाएगी।
अंधकार अज्ञानता का फिर,
हृदय से सबके मिटाएगी।
जब होगी ये मन की दीवाली,
मानवता प्रकाशमय हो जाएगी,
फिर होगी सच्ची दीवाली,
जो सारे जग को प्रकाशमान कर जाएगी।
WRITTEN BY- Nidhi Agarwal
Short Poem on Diwali in Hindi
आयी है दिवाली
आयी है दीवाली देखो,
आयी है दिवाली।
लेके जीवन में खुशहाली,
आयी है दिवाली।
घर-आँगन में है रौनक,
और चारों ओर रंगोली से सजावट।
दियो से सज गयी है चौखटे,
रंगीन हो गयी हैं झालरों से दीवारें।
मन में हर्ष और उल्लास फैलाने,
आयी है दिवाली।
ख़ुशियों ने दी है आहटें,
रौशनी से रौशन है सब।
चारों ओर फैली है जगमगाहट।
पटाखों की गूँज से,
आसमाँ भी हो गया है रौशन।
आयी है दिवाली देखो,
आयी है दिवाली।
WRITTEN BY- Nidhi Agarwal
Read:
हमारे प्रिय पाठकों, हमें आशा है कि आपको यह दिवाली पर कविताओं Poem on Diwali in Hindi से अवश्य कुछ न कुछ सीख ज़रूर मिली होगी। अतः आप सभी अपने प्रिय जनों को भी इससे अवगत कराये। दिवाली खुशियों से भरा एक अनोखा त्यौहार है, हमें अपने मन से अज्ञानता और अंधकार को निकाल फेकना होगा और एक प्रेम भाव की बाती को जलाना होगा, जिससे कि इस अंधकारता और अज्ञानता भरे जीवन से हमें छुटकारा मिल सके।
हमें आशा है कि आप सभी बच्चे एवं बड़े, आने वाली दिवाली को ईकोफ्रैंडली दिवाली के रूप में मनाएंगे, ताकि हम अपने साथ-साथ, अपनी प्रकृति को भी सही सलामत रख सकें। अगर आपको यह दिवाली पर कविताएँ अच्छी लगी हो तो, इन्हें शेयर अवश्य करें, नीचे दिए गए शेयर बटन्स के माध्यम से।
हमारे प्रिय पाठकों, हमें आशा है कि आपको यह दिवाली पर कविताओं Poem on Diwali in Hindi से अवश्य कुछ न कुछ सीख ज़रूर मिली होगी। अतः आप सभी अपने प्रिय जनों को भी इससे अवगत कराये। दिवाली खुशियों से भरा एक अनोखा त्यौहार है, हमें अपने मन से अज्ञानता और अंधकार को निकाल फेकना होगा और एक प्रेम भाव की बाती को जलाना होगा, जिससे कि इस अंधकारता और अज्ञानता भरे जीवन से हमें छुटकारा मिल सके।
हमें आशा है कि आप सभी बच्चे एवं बड़े, आने वाली दिवाली को ईकोफ्रैंडली दिवाली के रूप में मनाएंगे, ताकि हम अपने साथ-साथ, अपनी प्रकृति को भी सही सलामत रख सकें। अगर आपको यह दिवाली पर कविताएँ अच्छी लगी हो तो, इन्हें शेयर अवश्य करें, नीचे दिए गए शेयर बटन्स के माध्यम से।
EDITED BY- Somil Agarwal
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