Thursday 20 June 2019

पिता पर कविताएँ | Poem on Father in Hindi

हमारे जीवन रुपी पतंग की डोर हमारे माता-पिता के ही हाथ में होती है, जिसमें माँ और पिता, दोनों की अहम भूमिका रहती है। जैसे एक माँ जीवन के हर मोड़ पर अपने बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है, वैसे एक समझदार पिता भी अपने कर्तव्यों से कभी मुँह नही मोड़ता। अपने कर्तव्यों को पूर्ण करने हेतु, वो जी-जान से महनत करता है और अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी देता है। एक पिता ही हमेशा अपने बच्चों के लिए शक्ति और समर्थन के स्तंभ के रूप में कार्य करता है, अपने बच्चों का मार्गदर्शन करता है, उनको प्यार करता है और उनकी परवाह करता है। ईश्वर ने पिता के रूप में हम सबको बहुमूल्य उपहार दिया है।

एक पिता का अद्भुत वर्णन करने हेतु, आज हम उपस्थित हुए है। हम आपके समक्ष पिता पर कुछ कविताएँ Poem on Father in Hindi शेयर करते है।

पिता पर कविताएँ | Poem on Father in Hindi


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Poem on Father in Hindi


नमन है मेरे पिता को

पापा मेरे जीवन का हौंसला हैं,
मेरे सपनों की उड़ान है।

उनसे ही मिली मुझे,
मेरे पंखों को जान है।

वो ही मेरी खुशियां,
और आशाओं का आसमान है।

मेरे जीवन को सवारने वाले,
वो मेरी पहचान हैं।

संघर्षों से लड़ते हुए भी रखा,
उन्होंने सबका मान है।

ह्रदय में उनके न कोई क्लेश,
न किसी का अपमान है।

नमन है ऐसे पिता को,
उनके लिए मेरे हृदय में बस सम्मान है।
- निधि अग्रवाल

दोस्तों, एक पिता का अपनी संतान के लिए उतना ही महत्व है जितना माँ का होता है। यूँ समझ लीजिए संतान रूपी गाड़ी को चलाने के लिए दो पहिये माँ और पिता दोनों जरूरी है। इन दोनों के बिना संतान का जीवन अधूरा है। पिता अपनी संतान के जीवन में बहुत महत्व रखता है। वह एक दृड पर्वत की तरह संतान के जीवन में खड़ा होकर उसे जीवन में दुख रूपी तूफानों से बचाता है और उसे उनसे लड़ने के लिए अगम्य साहस का भी पाठ पढाता है। पिता हमेशा अपने बच्चों का हौसला बढ़ाता है, वह उन्हें जीवन में निराश और हताश नही होने देता। माँ बच्चों को सपने दिखाती है तो पिता बच्चों को उनही स्वप्नों को पूरा करने का नया हौसला देता है, वो अपनी संतानों के स्वप्नों के पंखों को उड़ान देता है, जिससे संतान कामयाबी के आसमान को छू सके। एक पिता की परिवार में जिम्मेदारी समझ, हम आपके समक्ष पिता परिवार की जिम्मेदारी कविता, हमारी पिता पर कविताओं के संग्रह में से लेके आपसे शेयर करते है।

Hindi Poem on Father | Father Par Kavita


पिता परिवार की जिम्मेदारी

परिवार की जिम्मेदारी है पिता,
दुःखो को रोकने वाली चाहरदीवारी है पिता।

खुशी और मुस्कान से भरी पिटारी है पिता,
उम्मीदों के फूलों की क्यारी है पिता।

तूफानों से लड़ जाए वो प्रहरी है पिता,
मुश्किलों में भी खुश रहने वाला लहरी है पिता।

कभी न टूटे वो लड़ी है पिता,
परिवार को जोड़ने वाली कड़ी है पिता।

अपने बच्चों के लिए जागीर है पिता,
संघर्षो के पथ पर चलने वाला राहगीर है पिता।

त्याग और प्रेम की मूर्ति है पिता ,
जिंदगी की हर जरूरत की पूर्ति है पिता।
- निधि अग्रवाल

Poem on Father's Day in Hindi


पिता परिवार की धुरी

परिवार की धुरी का एक पहिया है पिता,
जो कभी रुकता नही है।

रहता हमेशा चलायमान,
जो कभी थकता नही है।

कंधे पर जिम्मेदारियां लाख होने पर भी,
माथे पर शिकन कभी रखता नही है।

दुःख कितने भी हो उसपर,
पर उनको कभी गिनता नही है।

संतान की खुशियों के खातिर,
आंखों को कभी नम करता नही है।

पिता वो स्तंभ है,
जो संकट की आँधियों में कभी गिरता नही है।

रह हिमालय सा अडिग,
सारे तूफानों से लड़ता वही है।
पिता वो धुरी है जो कभी रुकता नही है।
- निधि अग्रवाल

हमनें यह पिता पर कविताएँ बहुत ही सरल शब्दों में लिखी है, जिससे कि बच्चे आसानी से पिता का महत्व समझ सकें। जिस प्रकार एक बच्चा जब बड़ा हो जाता है और वह अपना बचपन भूल, पिता के बलिदानों को भी कुछ हद तक भूल जाता है, उनके लिए भी यह कविताएँ लाभकारी है, इन कविताओं को पढ़कर वो अपनी स्मृतियों को फिर से उजागर कर पाएंगे और फिर से अपने जीवन में पिता की महत्तवता को समझ सकेंगे। Father Par Kavita हम आपके समक्ष शेयर करते है।

Poem on Daddy in Hindi | Daddy Par Kavita


मेरे पिता मेरी खुशियाँ

डगमग करते कदमों को,
तुमने चलना सिखलाया।
ऊँगली थाम मेरी तुमने,
आगे बढ़ना सिखलाया।
कभी थाम अपनी बाहों में,
मुझको झूला झूलाया।
मेरी नादान बातों को,
तुमने कभी न झुठलाया।
रातें कहानियों वाली देकर,
मेरा मन हरदम बहलाया।
मेरी ख़ुशियों के खातिर तुमने,
जीवन अपना कुर्बान किया।
पाकर तुम जैसे पापा को,
जीवन मेरा धन्य हुआ।
- निधि अग्रवाल

Poem on My Father in Hindi


मेरे पापा

पापा आपकी छाँव तले,
मेरा बचपन पला।
बनकर मेरे साथी हमेशा,
आपका साया मेरे साथ चला।

निराशा के बादल,
कभी नही छाए जीवन में मेरे।
नही देखे मैंने जीवन में कभी,
उदासी के अंधेरे।

क्योंकि आप देते रहे हमेशा उजाला,
मेरे जीवन में बनके दीया।
जीवन कभी हार कभी जीत है,
ये आपकी दी हुई सीख है।

जीवन के पथ पर यूँ मुझे भी बढ़ते जाना है,
मिला जो कर्तव्य वो निभाना है।
क्योंकि आपका ही मुझे ये आदर्श मिला है,
मेरा जीवन तो आपकी छाँव में पला है,
ये जीवन भी आपसे ही मिला है।
- निधि अग्रवाल

पिता पर कविताएँ


पिता का कठिन परिश्रम

जिम्मेदारियों के तले एक पिता,
पूरा जीवन गुजार देता है।
स्वयं कठिनाईयों को सहकर,
अपनी संतान का जीवन संवार देता है।

अपनी संतान का स्वप्न पूरा करने को,
स्वयं की इच्छाओं त्याग देता है।
करके कठिन परिश्रम वो,
नई आंखों को ख़्वाब देता है।

कभी हार नही मानता वो,
किस्मत से भी लड़ जाता है।
अपनी संतान के लिए वो,
ख़ुशियों का घरौंदा सजाता है।

अपनों की ख़ुशियों के लिए,
अपने आँसुओं को पी जाता है।
देखकर अपनी संतान की खुशियाँ,
जैसे वो जीवन का सारा सुख पा जाता है।

पिता वो रिश्तों का दरियाँ है,
जिसमें सारा समंदर समा जाता है।
- निधि अग्रवाल

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पिता पूरे परिवार का स्तम्भ होता है, वो बिना किसी लोभ किए अपने बच्चों को पालता है, बड़ा करता है, पढ़ाता है और उनको एक कामयाब इंसान बनाता है। वह यह तपस्या निःस्वार्थ भाव से पूरा जीवन करता है। जिस प्रकार से एक माँ अपनी ज़िम्मेदारी और अपने बच्चों के प्रति हर वो फ़र्ज़ को पूरा करती है, जो कि उसके बच्चे को आवश्यकता होती है। उसी प्रकार एक पिता अपने सारे कर्तव्यों को भली भांति समझता है और उसे पूर्ण रूप से निभाता है। दोस्तों, हमें आशा है कि आपको यह पिता पर कविताएँ जरूर पसंद आयी होंगी। अगर अच्छी लगी हो तो अपने पिता से जरूर साझा करें।

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Edited by- Somil Agarwal

1 comment:

  1. Wow the poems are amazing they are in very understandable language so that we can easily understand them. .. ...

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