'जीवन' ईश्वर का दिया हुआ मनुष्य को एक वरदान है जिसमें मनुष्य ही अपने कर्मों के माध्यम से अपने जीवन को संवारता है और बिगाड़ता है। अपने जीवन को संवारने के लिए हम लोग न जाने कितने परिश्रम करते है। जीवन में खुशियाँ होना या न होना ये तो सिर्फ दो पहलू पर निर्भर करता है एक तो कर्म और दूसरा समय। मेरे हिसाब से यह दो पहलू ही अहम है जीवन के लिए। यदि मनुष्य का कर्म अच्छा है तो वह सारी घड़ी आनंदमयी होकर जीवन का मजा लेता रहेगा और यदि उसका समय अच्छा नही है तो वह चाहें कितने जतन कर ले जीवन का आनंद नही ले सकता। हमें यही जीवन के पहलू स्वीकार कर अपना सर्वस्व देना होता है ताकि हम अपना जीवन ख़ुशी से व्यतीत कर सकें।
आज हम अपने प्यारे विद्यार्थियों अथवा अन्य पाठकों के लिए बहुत ही सरल व स्पष्ट भाषा में शेयर करते है कुछ जीवन पर कविताएँ ताकि आप सब अपने जीवन में परिपक्व होकर ज़िन्दगी का आनंद लेते रहे।
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हमें 'जीवन' ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है जिसमें हमें प्रेम, विश्वास और प्रसन्नता की नींव रखकर जीना होता है। परन्तु आज हम एक दुसरे के प्रति द्वेष, दम्भ और अप्रसन्नता जैसी भावना में डूबते जा रहे है जिसके चलते हमारा सारा जीवन मानो व्यर्थ हुआ जा रहा है। हम सबको निराशा का दामन छोड़ प्रसन्ता का दामन अपनाकर जीवन में आगे बढ़ना होगा और सफलता हांसिल करनी होगी।
हम आशा करते है कि आप सभी को यह Poem on Life in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। अगर अच्छी लगी हो तो आप इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर अवश्य करदें नीचे उपलब्ध सोशल मीडिया बटन हेतु। यह कविताएँ बहुत ही सरल व स्पष्ट भाषा में लिखी गयी है और इसमें जीवन के उतार चढ़ावों को अद्भुत रूप से दर्शाया गया है जिससे कि हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को, नई पढियों को व अन्य पाठकों को यह मोटीवेट कर सकें।
आज हम अपने प्यारे विद्यार्थियों अथवा अन्य पाठकों के लिए बहुत ही सरल व स्पष्ट भाषा में शेयर करते है कुछ जीवन पर कविताएँ ताकि आप सब अपने जीवन में परिपक्व होकर ज़िन्दगी का आनंद लेते रहे।
जीवन पर कविताएँ | Poem on Life in Hindi
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Poem on Life in Hindi |
Poem on Life in Hindi
परिवर्तन नियम है जीवन का
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
समय का चक्र चलता ही रहता,
संग हमको भी चलना होगा।
कंटक राह मिलेगी राही,
उनमें फूलों को चुनना होगा।
चट्टानों सी बाधायें मिलें तो,
बन पर्वत उनसे लड़ना होगा।
राह सरल हो या कठिन,
हमको दृढ़निश्चयी बनना होगा।
लक्ष्य न हासिल हो जाये तब तक,
अडिग लक्ष्य पर टिकना होगा।
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
माना परिवर्तन जरूरी है,
पर इसकी भी सीमाएं हैं।
परिवर्तित जीवन की,
अपनी भी कुछ मर्यादाएं है।
आहत न हो किसी की खुशियाँ,
इतना स्वयं को बदले हम।
जिससे अपनी संस्कृति और परम्परा के,
पहलू पर खरे उतरे हम।
ऐसी मानसिकता के ही साथ,
स्वयं को बदलना होगा।
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
बीत गयी ऐ! ज़िन्दगी
सोचा था संवारेंगे तुझे ऐ! ज़िन्दगी,
देकर तुझे स्वप्नों के कुछ नए रंग।
पर तुझको सवांरते,
और तुझको निखारते,
न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।
आज सोचा तो जाना,
जो जीते थे अब तक...वो ज़िन्दगी न थी।
जिसको सवांरते,
जिसको निखारते,
न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।
जिंदगी के मायने भी,
उस मोड़ पर समझ आए।
जिसको संभालते,
जिसको स्वीकारते,
न जाने कब बीत गयी ऐ! ज़िन्दगी।
जीवन की सुंदरता
वह जीवन भी क्या जीवन है,
जिसमें आशा का नीर नही।
पथ पर आगे बढ़ना ही क्या,
जब लक्ष्य के लिए अधीर नही।
जीवन की कठिन परीक्षा में,
आशा ही एक सफलता है।
जीवन पथ पर आगे बढ़ना,
यही तो जीवन की सुंदरता है।
स्वयं के लिए जिये तो क्या जिए,
कभी औरों के लिए जीना सीखो।
पथिक के पथ प्रदर्शक बनकर,
सबको राह दिखाना सीखो।
द्वेष, दम्भ और अप्रसन्नता,
मन से दूर भगाओ तुम।
हृदय की प्रसन्नता ही जीवन है,
इसको सार बनाओ तुम।
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
समय का चक्र चलता ही रहता,
संग हमको भी चलना होगा।
कंटक राह मिलेगी राही,
उनमें फूलों को चुनना होगा।
चट्टानों सी बाधायें मिलें तो,
बन पर्वत उनसे लड़ना होगा।
राह सरल हो या कठिन,
हमको दृढ़निश्चयी बनना होगा।
लक्ष्य न हासिल हो जाये तब तक,
अडिग लक्ष्य पर टिकना होगा।
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
माना परिवर्तन जरूरी है,
पर इसकी भी सीमाएं हैं।
परिवर्तित जीवन की,
अपनी भी कुछ मर्यादाएं है।
आहत न हो किसी की खुशियाँ,
इतना स्वयं को बदले हम।
जिससे अपनी संस्कृति और परम्परा के,
पहलू पर खरे उतरे हम।
ऐसी मानसिकता के ही साथ,
स्वयं को बदलना होगा।
परिवर्तन नियम है जीवन का,
स्वीकार इसे करना होगा।
- निधि अग्रवाल
ज़िन्दगी पर कविता | Jeevan Par Kavita
बीत गयी ऐ! ज़िन्दगी
सोचा था संवारेंगे तुझे ऐ! ज़िन्दगी,
देकर तुझे स्वप्नों के कुछ नए रंग।
पर तुझको सवांरते,
और तुझको निखारते,
न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।
आज सोचा तो जाना,
जो जीते थे अब तक...वो ज़िन्दगी न थी।
जिसको सवांरते,
जिसको निखारते,
न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।
जिंदगी के मायने भी,
उस मोड़ पर समझ आए।
जिसको संभालते,
जिसको स्वीकारते,
न जाने कब बीत गयी ऐ! ज़िन्दगी।
- निधि अग्रवाल
Life Par Kavita Hindi Mein
जीवन की सुंदरता
वह जीवन भी क्या जीवन है,
जिसमें आशा का नीर नही।
पथ पर आगे बढ़ना ही क्या,
जब लक्ष्य के लिए अधीर नही।
जीवन की कठिन परीक्षा में,
आशा ही एक सफलता है।
जीवन पथ पर आगे बढ़ना,
यही तो जीवन की सुंदरता है।
स्वयं के लिए जिये तो क्या जिए,
कभी औरों के लिए जीना सीखो।
पथिक के पथ प्रदर्शक बनकर,
सबको राह दिखाना सीखो।
द्वेष, दम्भ और अप्रसन्नता,
मन से दूर भगाओ तुम।
हृदय की प्रसन्नता ही जीवन है,
इसको सार बनाओ तुम।
- निधि अग्रवाल
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हमें 'जीवन' ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है जिसमें हमें प्रेम, विश्वास और प्रसन्नता की नींव रखकर जीना होता है। परन्तु आज हम एक दुसरे के प्रति द्वेष, दम्भ और अप्रसन्नता जैसी भावना में डूबते जा रहे है जिसके चलते हमारा सारा जीवन मानो व्यर्थ हुआ जा रहा है। हम सबको निराशा का दामन छोड़ प्रसन्ता का दामन अपनाकर जीवन में आगे बढ़ना होगा और सफलता हांसिल करनी होगी।
हम आशा करते है कि आप सभी को यह Poem on Life in Hindi अवश्य पसंद आयी होंगी। अगर अच्छी लगी हो तो आप इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर अवश्य करदें नीचे उपलब्ध सोशल मीडिया बटन हेतु। यह कविताएँ बहुत ही सरल व स्पष्ट भाषा में लिखी गयी है और इसमें जीवन के उतार चढ़ावों को अद्भुत रूप से दर्शाया गया है जिससे कि हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को, नई पढियों को व अन्य पाठकों को यह मोटीवेट कर सकें।
EDITED BY- Somil Agarwal
Nicely Written
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