Saturday 27 July 2019

स्वच्छता पर कविताएँ | Poem on Cleanliness in Hindi

'स्वच्छता' इस शब्द का महत्त्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। साफ-सफाई के आलावा, स्वच्छता चाहें हमारे विचारों की हो, मन की हो, तन की हो या वाणी की हो, सभी महत्वपूर्ण है और इससे हमारे देश की प्रगति होती है। हमें खुद को, घर को, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान, और पर्यावरण आदि को रोज स्वच्छ रखने की जरूरत है। हम सभी को स्वच्छता का महत्त्व और जरूरत समझनी चाहिए और अपने दैनिक जीवन में लागू करना चाहिए। जब हम स्वच्छ और स्वस्थ रहेंगे, तभी हमारा देश भारत प्रगति की राह पर अग्रसर रहेगा। हमें अपने आसपास को, या कह लीजिये वातावरण को स्वच्छ रखना होगा।

आज स्वच्छता एक सामाजिक मुद्दा बना हुआ है और हमें इसपे विचार करना है। यदि हम जल्दी नहीं चेते तो कहीं देर न हो जाए। स्वच्छता के अनेक फायदे होते है। इसी स्वच्छता के फायदे व महत्व समझाने हेतु हम आप के समक्ष Poem on Cleanliness in Hindi लेके उपस्थित हुए है। यह कविताएँ स्वच्छता के लिए की गई हमारी तरफ से अनोखी पहल है।

स्वच्छता पर कविताएँ | Poem on Cleanliness in Hindi

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Poem on Cleanliness in Hindi


स्वच्छता- जीवन का लक्ष्य

स्वच्छ बने भारत अपना,
सपना था अपने बापू का।
'स्वच्छ भारत अभियान' सफल हो जिससे,
मैल मिटे सब तन मन का।

बाह्य स्वच्छता के संग-संग,
आंतरिक स्वच्छता भी है जरूरी।
हृदय में प्रेम पले जिससे,
मिट जाए मन से मन की दूरी।

वाणी भी शुद्ध अमृत सी बने,
जिससे ख़ुशियों के फूल खिले।
रहे न कोई गिले शिकवे,
जीवन में आशाओं के दीप जले।

शुद्ध सुदृड़ मानसिकताएं हो सबकी,
एक दूजे का साथ निभाये सब।
मन, कर्म और वचन की शुद्धता को,
जीवन का ध्येय बनाएं सब।

स्वच्छ भारत अभियान का,
ये सपना तभी सच हो पाएगा।
हर एक मनुष्य जाग्रत होकर जब,
स्वच्छता को जीवन का लक्ष्य बनाएगा।
Written by- निधि अग्रवाल

Best Poem on Cleanliness in Hindi


स्वच्छ बनाए धरती को

आओ हम सब मिलकर,
एक स्वच्छ सुंदर समाज बनायें।
स्वच्छ सुंदर बनायें इस धरती को,
वातावरण को शुद्ध बनायें।

कूड़ा फेकें कूड़ेदान में,
इधर-उधर न ढेर लगायें।
गंदगी को दूर भगाकर,
अपने घर को स्वच्छ बनायें।

वायु को प्रदूषित न होने दे,
आओ इसको शुद्ध बनायें।
एक नया संकल्प उठाकर,
हर दिन नए पेड़ लगाए।

स्वच्छ रहेगा जब हर घर,
तभी तो स्वच्छ समाज होगा।
तभी विकसित होगी नई मानसिकता,
जिसकी करते है हम सब कल्पनाएं।
Written by- निधि अग्रवाल

स्वच्छता पर कविता | Swachata Par Kavita


स्वप्न नए भारत का

स्वप्न एक नए भारत का,
देखा था बापू ने अपने।
आओ स्वच्छ समाज बनाकर,
कर दे पूरे उनके सपने।

स्वच्छ और शुद्ध मानसिकताओं को अपनाकर,
सत्य का साथ निभाये।
द्वेष-राग को दूर भगाकर,
प्रेम का मार्ग अपनाए।

हिंसा का हम त्याग करें,
सात्विकता को अपनाए।
माँसाहार का परित्याग करें,
आहार और विचार करें।

वाणी में शुद्धता लाये,
हृदय को हम कोमल बनायें।
आओ एक संकल्प उठाकर,
जीवन साकार बनाएं।
Written by- Nidhi Agarwal

Poem on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi


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स्वच्छ भारत अभियान कविता

स्वच्छ होगा अब भारत अपना,
और पूरा होगा बापू का सपना।
क्योंकि मजबूत कंधों ने अब,
इसकी बागडोर संभाली है।

स्वच्छता अभियान की कर ली,
मोदी ने तैयारी है।
जबसे हुआ आगमन उनका,
अभियान ये जारी है।

सुलभ शौचालय बनवाकर,
नारी का सम्मान बचाया है।
वापस स्वाभिमान मिलेगा नारी को,
और गन्दगी को दूर भगाया है।

गंगा सफाई अभियान चलाकर,
देश की संस्कृति बचाई है।
लौटाकर पवित्रता इसकी,
माँ गंगा की गरिमा बचाई है।

विश्व के एक नए पटल पर,
स्वच्छ भारत अब अपना होगा।
स्वच्छ भारत अभियान से अब,
हर भारत वासी का सपना पूरा होगा।
Written by- Nidhi Agarwal
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सरकार स्वच्छता के लिए अनेकों कदम उठा रही है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं कमी बनी हुई है, यह कमियों के लिए वो लोग ज़िम्मेवार है, जिनकी मानसिकताओं व सोच में कमी है। देश में स्वच्छता रखना केवल सरकार का ही नही अपितु हम सबका कर्तव्य है। समाज के सभी सदस्यों को आस-पास की सफाई में अपना योगदान देना चाहिए। हम सबको एक जुट होकर संकल्प लेना होगा और कहना होगा...

"स्वच्छ भारत का इरादा,
इरादा कर लिया हमने, देश से अपने ये वादा।
ये वादा कर लिया हमने, स्वच्छ भारत का इरादा"

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Edited by- Somil Agarwal

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